साई सुदर्शन ने बताई टेस्ट डेब्यू की चुनौतियां और सीख

साई सुदर्शन ने टेस्ट डेब्यू की चुनौतियां और सीख बताई।

Published · By Tarun · Category: Sports
साई सुदर्शन ने बताई टेस्ट डेब्यू की चुनौतियां और सीख
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करियर में शानदार सफर

युवा भारतीय बल्लेबाज बी. साई सुदर्शन पिछले चार सालों में क्रिकेट के मैदान पर तेजी से आगे बढ़े हैं। 23 साल के इस खिलाड़ी ने इसी साल की शुरुआत में आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन किया था, जहां उन्होंने 759 रन बनाकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों में अपनी जगह बनाई थी।

टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण

वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में पहले ही भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके साई सुदर्शन ने जून में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करके एक नई उपलब्धि हासिल की। यह डेब्यू हाल ही में खत्म हुई एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के दौरान हुआ, जो 2-2 से बराबरी पर समाप्त हुई थी।

डेब्यू का खास अनुभव

हालांकि साई सुदर्शन ने सिर्फ तीन टेस्ट मैच खेले और उनका प्रदर्शन औसत रहा (140 रन, सर्वोच्च स्कोर 61), लेकिन तमिलनाडु के इस बल्लेबाज ने मुश्किल परिस्थितियों में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। उन्होंने बताया कि टेस्ट डेब्यू का एहसास बाकी सभी फॉर्मेट से बिल्कुल अलग था। सुदर्शन ने कहा, "हर कोई कहता था कि टेस्ट क्रिकेट ही अंतिम परीक्षा है, और मैंने आखिरकार इसे अनुभव किया। इंग्लैंड में खेलना और राष्ट्रगान के लिए खड़े होने का वो पल बेहद खास था।"

"बड़ी पारी में नहीं बदल पाया"

अपने प्रदर्शन पर साई सुदर्शन ने अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में न बदल पाने का अफसोस जताया। उन्होंने कहा, "अच्छी शुरुआत मिलने के बाद भी बड़ी पारी में न बदल पाना निराशाजनक था, और मुझे एक बड़ी पारी खेलनी चाहिए थी। मुझे लगा कि यह सबसे महत्वपूर्ण सीखों में से एक थी।"

इंग्लैंड में बल्लेबाजी की चुनौती

साई सुदर्शन ने इंग्लैंड की परिस्थितियों में बल्लेबाजी के बारे में बात करते हुए कहा, "मुश्किल दौर से निकलने के बाद भारत में आप खुलकर खेल सकते हैं और आक्रामक हो सकते हैं। लेकिन इंग्लैंड में आपको कसा हुआ रहना पड़ता है और वही करना होता है जो आपने पहले घंटे में किया। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हें मैं सीखना चाहता हूं।" उन्होंने गेंद को ट्रैक करने और टाइमिंग को बेहतर बनाने जैसे तकनीकी सुधारों पर भी जोर दिया, खासकर जब गेंद स्विंग या सीम हो रही हो।

टीम का जीतने का जज्बा

साई सुदर्शन ने जोर देकर कहा कि नई भारतीय टीम का लक्ष्य इंग्लैंड को हराना था। उन्होंने कहा, "यह हमारे लिए एक शानदार सीरीज थी। कप्तान (शुभमन गिल) ने कुछ अविश्वसनीय पारियां खेलीं। पहली मीटिंग से ही यह साफ था कि हम एक नई टीम के तौर पर अनुभव लेने नहीं, बल्कि हावी होने आए हैं।"

ओवल में अंतिम सुबह का रोमांच

ओवल में अंतिम सुबह जब इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रनों की जरूरत थी और उनके चार विकेट बाकी थे, तब टीम के मनोबल के बारे में साई सुदर्शन ने बताया, "हम इस विश्वास के साथ उतरे थे कि हम सीरीज बराबर कर सकते हैं। तेज गेंदबाजों ने चौथी शाम को जी-जान से गेंदबाजी की, और उन्हीं के प्रयास से हम खेल में बने रहे। इसलिए, एक बार जब बारिश आई, तो वे अंतिम सुबह फ्रेश होकर आए और मैच जीत गए।"

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