प्रसिद्ध वास्तुकार और सामाजिक कार्यकर्ता तारा मुरली का निधन
प्रसिद्ध वास्तुकार और सामाजिक कार्यकर्ता तारा मुरली का निधन।


bhanu@chugal.com
चेन्नई में अपनी सादगी और सामाजिक कार्यों के लिए जानी जाने वाली प्रसिद्ध वास्तुकार तारा मुरली का शनिवार, 26 जुलाई 2025 की देर शाम उनके आवास पर निधन हो गया। वे 75 वर्ष की थीं और कुछ समय से बीमार चल रही थीं। तारा मुरली 'द हिंदू ग्रुप ऑफ पब्लिकेशन्स' के निदेशक और 'म्यूजिक अकादमी' के अध्यक्ष एन. मुरली की पत्नी थीं।
परिवार में कौन-कौन
तारा मुरली अपने पीछे पति एन. मुरली, बेटे कृष्ण मुरली, बेटी कांता मुरली, तीन पोते-पोतियों और बड़े भाई रमेश पट्टाभिराम को छोड़ गई हैं।
सामाजिक कार्यों में गहरा योगदान
तारा मुरली ने चेन्नई के चर्चपार्क स्थित सेक्रेड हार्ट मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल से अपनी शुरुआती शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने स्टेला मैरिस कॉलेज से प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स किया और मद्रास विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग से बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (बी.आर्क.) की डिग्री हासिल की। चार दशकों से अधिक समय तक उन्होंने सक्रिय रूप से वास्तुकार के तौर पर काम किया। इसके साथ ही, उन्होंने नगर नियोजन, पर्यावरण और उपभोक्ता संरक्षण से जुड़े सार्वजनिक मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया। पलानी पहाड़ियों के संरक्षण, पुलिस महानिदेशक कार्यालय और क्वीन मैरी कॉलेज जैसी ऐतिहासिक इमारतों के बचाव के लिए भी उन्होंने महत्वपूर्ण प्रयास किए।
बहुमुखी व्यक्तित्व की धनी
तारा मुरली धर्मनिरपेक्ष और आधुनिक सोच रखती थीं। उन्हें संगीत, साहित्य, पर्यावरण, विरासत संरक्षण और उपभोक्ता अधिकारों की सक्रियता में गहरी रुचि थी। उन्होंने 'सिटीजन कंज्यूमर एंड सिविक एक्शन ग्रुप (CAG)' के ट्रस्टी के रूप में कई वर्षों तक सेवा दी। वे ब्रॉडकास्ट कंप्लेंट्स काउंसिल और INTACH गवर्निंग काउंसिल की सदस्य भी थीं। इसके अलावा, वे विभिन्न पुस्तक समूहों में भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेती थीं। तारा मुरली तमिलनाडु टेबल टेनिस एसोसिएशन और टेबल टेनिस प्लेयर्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष भी रह चुकी थीं। उन्होंने मा. पो. शिवज्ञानम की वीरपांडिया कट्टाबोम्मन पर लिखी तमिल किताब का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया था।
अंतिम संस्कार सोमवार को
तारा मुरली का अंतिम संस्कार सोमवार, 28 जुलाई 2025 को बेसेंट नगर श्मशान घाट में किया जाएगा।