प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार मामले में उम्रकैद: कोर्ट ने सुनाया आजीवन कारावास का फैसला
प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।


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बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के मुखिया एच.डी. देवेगौड़ा के पोते और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। यह फैसला शनिवार (2 अगस्त, 2025) को सांसद और विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों की विशेष अदालत ने सुनाया। प्रज्वल को उनके परिवार के फार्म में काम करने वाली एक घरेलू सहायिका के साथ कई बार बलात्कार करने का दोषी पाया गया है।
क्या है पूरा मामला?
प्रज्वल रेवन्ना पर आरोप था कि उन्होंने अपने परिवार के फार्म में काम करने वाली 48 वर्षीय एक घरेलू सहायिका के साथ 2021 में दो बार बलात्कार किया था। आरोप यह भी था कि उन्होंने इस घटना का वीडियो भी बनाया था। अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनावों से ठीक पहले, इस बलात्कार के वीडियो और लगभग सौ अन्य महिलाओं से जुड़े आपत्तिजनक क्लिप लीक हो गए थे, जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आया। प्रज्वल कर्नाटक के हासन से पूर्व सांसद रह चुके हैं और कई बलात्कार के आरोपों के बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।
किन धाराओं के तहत हुई सजा?
विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट ने प्रज्वल को इस मामले में उन पर लगे सभी आरोपों में दोषी ठहराया। प्रज्वल को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376(2)(n) (एक ही महिला से बार-बार बलात्कार) के तहत "आजीवन कारावास" की सजा सुनाई गई है, जिसका अर्थ है उनके शेष प्राकृतिक जीवन तक कारावास। इसके अलावा, उन्हें IPC की धारा 376(2)(k) (किसी महिला पर नियंत्रण या दबदबे की स्थिति में बलात्कार करना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की विभिन्न धाराओं के तहत भी दोषी ठहराया गया।
आर्थिक दंड भी
अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना पर कुल 11.60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने आदेश दिया है कि इस जुर्माने में से 11.25 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएं।
प्रज्वल की प्रतिक्रिया
फैसला सुनाए जाने के बाद, अदालत में मौजूद प्रज्वल रेवन्ना भावुक हो गए। उन्होंने इस मामले को "राजनीतिक साजिश" बताया।
एसआईटी और अभियोजन पक्ष का बयान
प्रज्वल के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) के प्रमुख बी.के. सिंह ने फैसले के बाद कहा कि इस मामले की पीड़िता समाज के सबसे निचले तबके से आती है। उन्होंने कहा कि राज्य के सबसे शक्तिशाली राजनीतिक परिवार से जुड़े व्यक्ति के खिलाफ पीड़िता की लड़ाई "प्रेरणादायक" है। विशेष लोक अभियोजक अशोक नायक ने कहा कि मामले दर्ज होने के एक साल और चार महीने के भीतर मुकदमे का पूरा होना और एक पूर्व सांसद को दोषी ठहराया जाना, एक "कड़ा संदेश" देता है।
अन्य मामले
प्रज्वल के खिलाफ बलात्कार और यौन उत्पीड़न के चार मामले दर्ज किए गए हैं। यह पहला मामला है जिसमें ट्रायल पूरा हुआ है और फैसला आया है। एक अन्य मामले में ट्रायल शुरू हो चुका है, जबकि दो अन्य मामलों में अभी सुनवाई शुरू होनी बाकी है।