पीएम मोदी ने लाल किले से की RSS की तारीफ, कांग्रेस बोली - यह परेशान करने वाला
पीएम मोदी ने लाल किले से की RSS की तारीफ, कांग्रेस ने जताई आपत्ति।


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शुक्रवार, 15 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तारीफ पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने इसे "सबसे ज्यादा परेशान करने वाला" बताया और कहा कि यह संवैधानिक व धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का खुला उल्लंघन है। कांग्रेस का आरोप है कि यह प्रधानमंत्री का अपने 75वें जन्मदिन से पहले संघ को खुश करने का एक बेताब प्रयास है।
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री के भाषण को "बासी, पाखंडी और बेजान" करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आज थके हुए लग रहे थे और जल्द ही रिटायर हो जाएंगे। रमेश ने दावा किया कि पीएम ने 'विकसित भारत' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसे अपने पुराने नारों को ही दोहराया, जिनके मापने योग्य परिणाम बहुत कम हैं।
आरएसएस से जुड़ाव और 75 साल की उम्र
कांग्रेस के संचार विभाग के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, "प्रधानमंत्री के भाषण का सबसे परेशान करने वाला हिस्सा लाल किले की प्राचीर से आरएसएस का नाम लेना था - यह संवैधानिक और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का खुलेआम उल्लंघन है।" उन्होंने आगे कहा कि यह अगले महीने प्रधानमंत्री के 75वें जन्मदिन से पहले संगठन को खुश करने की एक बेताब कोशिश है।
कांग्रेस नेता का इशारा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की उस टिप्पणी की ओर था, जिसमें उन्होंने कहा था कि नेताओं को 75 साल की उम्र पूरी करने पर युवा नेताओं को मौका देना चाहिए। विपक्ष के कई लोगों का मानना है कि यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाकर की गई थी।
4 जून 2024 की घटनाओं के बाद (प्रधानमंत्री) काफी कमजोर हो गए हैं, और अब वे पूरी तरह से संघ की दया पर निर्भर हैं, उन्हें मोहन भागवत के सहयोग की आवश्यकता है ताकि सितंबर के बाद उनका कार्यकाल बढ़ सके। स्वतंत्रता दिवस का व्यक्तिगत और संगठनात्मक लाभ के लिए यह राजनीतिकरण हमारे लोकतांत्रिक लोकाचार को गंभीर रूप से कमजोर करता है।
भाषण पर अन्य टिप्पणियां
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री के भाषण की कई और बिंदुओं पर आलोचना की:
- सेमीकंडक्टर का वादा: उन्होंने कहा कि 'मेड-इन-इंडिया' सेमीकंडक्टर चिप का वादा अनगिनत बार किया गया है - हर बार धूमधाम से, लेकिन हर बार बिना डिलीवरी के। उन्होंने इसे "बड़ा झूठ" बताया, क्योंकि भारत का पहला सेमीकंडक्टर कॉम्प्लेक्स 1980 के दशक की शुरुआत में चंडीगढ़ में स्थापित किया गया था।
- किसानों की आय: किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें सुरक्षा देने के वादों को रमेश ने "खोखले और अविश्वसनीय" बताया। उन्होंने कृषि कानूनों को थोपने के प्रयास, एमएसपी की कानूनी गारंटी की कमी और कर्ज माफी जैसे मुद्दों का जिक्र किया।
- रोजगार सृजन: रोजगार सृजन के लक्ष्य को लेकर प्रधानमंत्री के बयान को उन्होंने "खाली रस्म" बताया, बजाय एक विश्वसनीय रोडमैप के।
- संघवाद और चुनाव आयोग: रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एकता, समावेश और लोकतंत्र पर बड़े-बड़े दावे किए, जबकि उन्होंने चुनाव आयोग जैसे हमारे सबसे बुनियादी संवैधानिक संस्थानों के पतन की अध्यक्षता की है। उन्होंने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) का मुद्दा भी उठाया, जिसमें लाखों मतदाताओं को मताधिकार से वंचित किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र लगातार संघवाद को कमजोर कर रहा है, चुनी हुई राज्य सरकारों को हाशिए पर धकेल रहा है, और विपक्षी सरकारों को दबा या गिरा रहा है।
कांग्रेस नेता ने और क्या कहा
जयराम रमेश ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस दूरदृष्टि, ईमानदारी और प्रेरणा का क्षण होना चाहिए। इसके बजाय, आज का भाषण आत्म-प्रशंसा और चुनिंदा कहानियों का एक बेजान मिश्रण था - जिसमें गंभीर आर्थिक संकट, बेरोजगारी संकट और हमारे समाज में बढ़ती आर्थिक असमानता की कोई ईमानदार स्वीकारोक्ति नहीं थी।