ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट: क्या खत्म होगा कुलदीप यादव का लंबा इंतजार?

कुलदीप यादव का इंतजार खत्म होगा? पूर्व कप्तान ने रखी मांग।

Published · By Tarun · Category: Sports
ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट: क्या खत्म होगा कुलदीप यादव का लंबा इंतजार?
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ओल्ड ट्रैफर्ड में कुलदीप पर निगाहें

भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज में लेग स्पिनर कुलदीप यादव का इंतजार बढ़ता जा रहा है। बेकेनहम काउंटी ग्राउंड में टीम इंडिया ने दो दिन के ब्रेक के बाद अभ्यास किया। इस दौरान कुलदीप ने करीब एक घंटे तक नेट में करुण नायर और अभिमन्यु ईश्वरन को गेंदबाजी की। वे रुक-रुक कर अपनी गेंदबाजी का अभ्यास करते रहे।

लगातार बेंच पर ही रहे कुलदीप

करीब एक महीने पहले इंग्लैंड आने के बाद से कुलदीप का यही रूटीन रहा है – अभ्यास करना, नेट में गेंदबाजी करना और फिर मैच के दिन बेंच पर बैठना। लीड्स में भी उन्हें इंतजार करना पड़ा, फिर बर्मिंघम में। लॉर्ड्स में जब भारत ने रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर को खिलाया, तो कुलदीप बस अकेले नर्सरी ग्राउंड में अभ्यास ही कर पाए। लेकिन अब, जबकि ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच से टर्न मिलने की उम्मीद है, क्या कुलदीप को आखिरकार मौका मिलेगा?

एलन लैंब की मांग: कुलदीप को खिलाओ

मैनचेस्टर में लंबे समय से रह रहे और यहां की परिस्थितियों को अच्छी तरह जानने वाले फारुख इंजीनियर का मानना है कि भारत को नीतीश कुमार रेड्डी की जगह कुलदीप को टीम में लाना चाहिए। हालांकि, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलन लैंब की राय थोड़ी अलग है। लैंब, जो ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच को बखूबी समझते हैं, का मानना है कि वॉशिंगटन सुंदर की जगह कुलदीप को मौका मिलना चाहिए।

"भारतीय टीम में एक चीज की कमी है। उनके पास एक विशेषज्ञ स्पिनर नहीं है। उन्हें कुलदीप को खिलाना ही होगा। ओल्ड ट्रैफर्ड में पिच थोड़ी टर्न होती है, और मैं उसे तुरंत खिलाता।"

पिछले कुछ मैचों में भारत ने वॉशिंगटन और जडेजा को उनकी ऑलराउंडर क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए खिलाया है। लॉर्ड्स में वॉशिंगटन ने महत्वपूर्ण विकेट लिए थे, जबकि जडेजा ने दूसरी पारी में बल्लेबाजी में अकेले दम पर संघर्ष किया था।

ऑलराउंडरों पर लैंब की टिप्पणी

लैंब ने आगे कहा, "वॉशिंगटन और जडेजा ऑलराउंडर हैं, लेकिन वे अपनी बल्लेबाजी पर ज्यादा ध्यान देते हैं। मैं समझता हूं कि भारत ने उन्हें क्यों चुना, क्योंकि शुरुआत में उन्हें अपनी बल्लेबाजी की चिंता थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है, कुलदीप को न खिलाने का फैसला मुझे हैरान करता है।"

कुलदीप का अब तक का टेस्ट करियर

कुलदीप ने मार्च 2017 में धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। तब से उन्होंने नौ सीरीज में सिर्फ 13 टेस्ट मैच खेले हैं और दो बार 'प्लेयर ऑफ द मैच' का अवॉर्ड भी जीता है। भारत में उन्हें लंबे समय तक आर. अश्विन, जडेजा और अक्षर पटेल जैसे स्पिनरों की मौजूदगी के कारण बेंच पर बैठना पड़ा। वहीं, विदेशी दौरों पर टीम मैनेजमेंट अक्सर एक से ज्यादा स्पिनर को नहीं खिलाता था, जिसका मतलब था कि या तो जडेजा या अश्विन को ही मौका मिलता था।

क्या अब खत्म होगा इंतजार?

अश्विन के संन्यास लेने और जसप्रीत बुमराह के तीन से ज्यादा मैचों के लिए उपलब्ध न होने से, उम्मीद थी कि टीम मैनेजमेंट एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में कुलदीप को एक विशेषज्ञ स्पिनर के तौर पर इस्तेमाल करेगा। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। इस बात के बावजूद कि कुलदीप किसी खास परिस्थिति तक सीमित नहीं हैं और महत्वपूर्ण क्षणों में विकेट लेने की क्षमता रखते हैं, टीम मैनेजमेंट ने लीड्स और बर्मिंघम की सपाट पिचों पर उन्हें नजरअंदाज किया। लेकिन अब, जब सीरीज दांव पर है और ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच स्पिनरों की मदद करने वाली है, तो क्या भारत आखिरकार कुलदीप को मौका देगा? समय ही बताएगा।

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