#OBCVirodhiPK: प्रशांत किशोर पर क्यों भड़के लोग?
प्रशांत किशोर पर OBC विरोधी होने का आरोप, जानें मीडिया पर क्यों ट्रेंड कर रहा है


tarun@chugal.com
प्रशांत किशोर, जो भारत के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार हैं और अब बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन पर OBC समाज की अनदेखी का आरोप लगा है, जिसकी वजह से ट्विटर पर #OBCVirodhiPK ट्रेंड कर रहा है।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
हाल ही में X प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर ने बिहार में OBC समाज के मुद्दों पर चुप्पी साध रखी है। OBC वर्ग लंबे समय से जातीय जनगणना और आरक्षण के मुद्दे पर आवाज उठा रहा है। लेकिन लोगों का आरोप है कि किशोर इन मुद्दों पर न तो खुलकर बोलते हैं और न ही उनकी पार्टी जन सुराज इन मांगों को प्राथमिकता दे रही है।
लोग क्या कह रहे हैं?
कई यूजर्स ने कहा कि किशोर सिर्फ विकास की बात करते हैं लेकिन OBC समाज को सम्मान और उचित प्रतिनिधित्व नहीं देते। एक यूजर ने लिखा, "OBC को चाहिए था इज्जत, डेटा और विकास... PK ने दिया सिर्फ खामोशी।" दूसरे ने किशोर को 'एलीट पॉलिटिक्स' का चेहरा बताया।
राजनीतिक साजिश या असली नाराजगी?
कहा जा रहा है कि बिहार की राजनीति में OBC वोट बैंक सबसे बड़ा है। ऐसे में कई राजनीतिक दल किशोर के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं। लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि यह गुस्सा असली है और किशोर को इस पर सफाई देनी चाहिए।
आगे क्या?
जन सुराज पार्टी ने इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। अब देखना होगा कि प्रशांत किशोर इस नाराजगी को कैसे संभालते हैं क्योंकि बिहार में बिना OBC समर्थन के चुनावी जमीन मजबूत करना आसान नहीं होगा।
निष्कर्ष
#OBCVirodhiPK हैशटैग ने एक बार फिर दिखा दिया कि भारत में जातीय मुद्दे किस तरह राजनीति को प्रभावित करते हैं और सोशल मीडिया कैसे जनता की आवाज को ताकत देता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर इस विवाद से कैसे उबरते हैं।