NDA ने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने का अधिकार PM मोदी और जेपी नड्डा को सौंपा
NDA ने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने का अधिकार PM मोदी और जेपी नड्डा को सौंपा।


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सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नेताओं ने बुधवार (6 अगस्त, 2025) को एक अहम बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव के तहत, NDA ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा को आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए गठबंधन का उम्मीदवार चुनने का पूरा अधिकार दे दिया है। उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर को होगा।
मीटिंग की अहम बातें
यह प्रस्ताव रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई NDA नेताओं की बैठक में पारित किया गया। बैठक में मौजूद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बाद में मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और जेपी नड्डा द्वारा चुना गया उम्मीदवार गठबंधन के सभी सदस्यों को स्वीकार्य होगा। रिजिजू ने कहा, "प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया निर्णय सभी गठबंधन दलों द्वारा स्वीकार किया जाएगा।" यह प्रस्ताव जनता दल (यूनाइटेड) के नेता राजीव रंजन सिंह ने पेश किया था और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के राम मोहन नायडू ने इसका समर्थन किया। NDA के सभी घटक दलों के फ्लोर लीडर्स ने भी इस प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया।
कौन-कौन रहे मौजूद?
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, शिव सेना से श्रीकांत शिंदे, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से चिराग पासवान, TDP से लावु कृष्णा देवरायलु और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) से रामदास अठावले सहित कई प्रमुख नेता शामिल हुए। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिव सेना नेता एकनाथ शिंदे ने पहले ही बुधवार को भाजपा के उम्मीदवार को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान कर दिया था।
कब होगा उम्मीदवार का ऐलान?
बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा 12 अगस्त के आसपास की जा सकती है। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त है। लगभग 15 मिनट चली इस NDA बैठक में चुनाव प्रक्रिया और नामांकन पत्रों से जुड़ी बारीकियों पर भी चर्चा की गई। सूत्रों ने बताया कि भाजपा द्वारा उम्मीदवार पर अंतिम फैसला लेने के बाद, सरकारी प्रबंधक वरिष्ठ NDA नेताओं से संपर्क कर उन्हें इस चयन के बारे में सूचित करेंगे।
उपराष्ट्रपति पद क्यों हुआ खाली?
यह चुनाव मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देने के कारण जरूरी हो गया है। हालांकि जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य कारणों को बताया था, लेकिन इस बात की काफी अटकलें थीं कि उन्होंने सरकार के साथ मतभेदों के चलते इस्तीफा दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार के कुछ सूत्रों ने संकेत दिया है कि NDA का नया उम्मीदवार भाजपा से ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो लंबे समय से प्रधानमंत्री मोदी के भरोसेमंद दायरे में रहा हो।
NDA की तैयारी और ताकत
उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के सदस्य शामिल होते हैं। NDA के पास अपने उम्मीदवार को चुनाव जिताने के लिए पर्याप्त संख्या में सांसद हैं।