मूर्ति चोरी की 41 फाइलें लापता, सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को घेरा

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से मूर्ति चोरी की 41 लापता फाइलों पर सवाल पूछे।

Published · By Bhanu · Category: Politics & Government
मूर्ति चोरी की 41 फाइलें लापता, सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को घेरा
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 16 सितंबर 2025 को तमिलनाडु सरकार से मूर्ति चोरी से जुड़ी 41 लापता फाइलों के बारे में तीखे सवाल पूछे हैं। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि अपनी संस्कृति की रक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

मामले की जड़

जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की अगुवाई वाली बेंच में शामिल जस्टिस आर. महादेवन ने तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और अधिवक्ता सबरीश सुब्रमण्यम से पूछा, "पहले दिन से ही मद्रास हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की जा रही हैं कि 376 मूर्तियां चोरी हो गई हैं। उनकी बरामदगी के लिए अधिकारियों को जानकारी दी गई थी। यह भी बताया गया कि कुछ मूर्तियां विदेशों के संग्रहालयों में उपलब्ध हैं। जब अधिकारियों को ये जानकारी दी गई, तो 41 फाइलें गायब हो गईं। इन फाइलों के गायब होने का क्या कारण है? वे फाइलें कहां हैं?"

राज्य को कड़ी चेतावनी

जस्टिस महादेवन ने राज्य के वकीलों को चेतावनी देते हुए कहा कि "क्या उन लापता फाइलों पर कोई FIR दर्ज की गई है? अगर नहीं, तो हम मुख्य सचिव को तलब करेंगे। अपनी संस्कृति की रक्षा करना राज्य की जिम्मेदारी है।" जस्टिस नागरत्ना ने भी कहा कि इन लापता फाइलों के पीछे की सच्चाई सामने आनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया, "क्या 38 अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में एक साथ आग लग गई, जिससे फाइलें नष्ट हो गईं? या फाइलों को नष्ट करने के लिए कोई सर्कुलर जारी किया गया था?"

षड्यंत्र का आरोप

यह सुनवाई अधिवक्ता एलिफेंट राजेंद्रन द्वारा दायर एक याचिका पर हो रही थी, जिसमें लापता फाइलों की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। अपनी याचिका में, राजेंद्रन ने आरोप लगाया है कि ये लापता फाइलें प्राचीन मंदिर की मूर्तियों, बहुमूल्य कलाकृतियों, गहनों और अन्य संपत्तियों की चोरी से संबंधित थीं। उन्होंने दावा किया कि फाइलों का गायब होना पुलिस अधिकारियों, नौकरशाही और मूर्ति माफिया के बीच एक "गंभीर साजिश" का नतीजा है।

सरकार का जवाब

संजय हेगड़े ने कोर्ट को बताया कि कुछ फाइलें फिर से तैयार की गई हैं और लापता फाइलों के संबंध में 11 एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ मूर्तियां बरामद कर ली गई हैं।

तमिलनाडु की गौरवशाली विरासत

अपनी याचिका में, राजेंद्रन ने मद्रास हाई कोर्ट के 2019 के एक फैसले का हवाला दिया था, जिसमें कहा गया था कि "तमिलनाडु अपने शानदार मंदिरों, अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत के लिए जाना जाता है। इसके मंदिरों में स्थापित मूर्तियों का अपना महत्व और समृद्ध विरासत है... इनमें से कुछ मूर्तियां 1500 से 2000 साल पुरानी हैं।"

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