लोकसभा चुनाव 2024: राहुल गांधी ने 'बड़े पैमाने पर वोटर धोखाधड़ी' का आरोप लगाया
राहुल गांधी ने 2024 लोकसभा चुनाव में 'वोटर धोखाधड़ी' का आरोप लगाया।


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क्या है आरोप?
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 7 अगस्त, 2025 को आरोप लगाया कि 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद से मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग (ECI) भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर चुनाव "चुराने" में शामिल है। पिछले हफ्ते, राहुल गांधी ने कहा था कि उनके पास "वोट चोरी" का 'एटम बम' जैसा सबूत है, हालांकि तब उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी थी।
दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस
नई दिल्ली में एक विस्तृत प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने दावा किया कि BJP और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत है। उन्होंने विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची में नकली मतदाताओं और नकली पते जोड़े जाने के 'सबूत' दिखाए। राहुल गांधी ने बताया कि कांग्रेस ने एक टीम बनाई और छह महीने में "वोट चोरी के ठोस सबूत" जुटाए हैं।
बेंगलुरु का 'महादेवापुरा' उदाहरण
राहुल गांधी ने ऑनलाइन प्रेजेंटेशन के जरिए मीडिया को बताया कि उनकी टीम ने 2024 के लोकसभा चुनावों से बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट और उसके अंदर आने वाले महादेवापुरा विधानसभा क्षेत्र के वोटर डेटा का विश्लेषण किया है। उन्होंने बताया कि पूरी लोकसभा सीट पर कांग्रेस को 6,26,208 वोट मिले, जबकि BJP को 6,58,915 वोट मिले, जिसमें 32,707 वोटों का अंतर था। राहुल गांधी ने यह भी बताया कि कांग्रेस ने सात में से छह विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की, लेकिन महादेवापुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,14,000 से अधिक वोटों से हार गई।
धोखाधड़ी के दावे
राहुल गांधी ने दावा किया कि महादेवापुरा निर्वाचन क्षेत्र में 1,00,250 वोटों की "वोट चोरी" हुई है। इसमें एक ही विधानसभा क्षेत्र में 11,965 डुप्लीकेट वोटर, 40,009 मतदाता नकली और अमान्य पतों वाले, 10,452 थोक मतदाता या एकल पते वाले मतदाता, 4,132 मतदाता अमान्य तस्वीरों वाले और 33,692 मतदाता नए मतदाताओं के फॉर्म 6 का दुरुपयोग करने वाले शामिल थे।
लोकतंत्र पर सवाल
उन्होंने आरोप लगाया कि यह धोखाधड़ी पूरे देश में की जा रही है और इसे "भारतीय संविधान और भारतीय ध्वज के खिलाफ अपराध" बताया। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को याद दिलाया कि उसका काम चुनावों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि "अगर चुनाव आयोग हमें पिछले 10 से 15 सालों का मशीन-रीडेबल डेटा और CCTV फुटेज नहीं देता है, तो वे इस अपराध में भागीदार हैं।" पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "न्यायपालिका को इसमें शामिल होने की जरूरत है क्योंकि जिस लोकतंत्र से हम इतना प्यार करते हैं, वह अब मौजूद नहीं है।"
प्रधानमंत्री और BJP पर निशाना
राहुल गांधी ने कहा कि मौजूदा प्रधानमंत्री "पतली बहुमत" से बने हैं और सत्ता में बने रहने के लिए उन्हें केवल 25 सीटें "चोरी" करने की जरूरत थी। उन्होंने दावा किया कि BJP ने लोकसभा चुनावों में 25 सीटें 33,000 से कम वोटों के अंतर से जीती थीं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारे संविधान की नींव इस तथ्य पर आधारित है कि एक व्यक्ति को एक वोट मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि एग्जिट पोल और आंतरिक सर्वेक्षण बड़े पैमाने पर गलत साबित होते हैं।
ECI पर सबूत नष्ट करने का आरोप
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पूरे देश में "वोट चोरी" के सबूत "नष्ट" करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि 2023 के छत्तीसगढ़ चुनावों से ही कांग्रेस को संभावित चुनावी धोखाधड़ी पर संदेह था, जो 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इसकी पुष्टि हो गई। कांग्रेस और उसके गठबंधन ने दोनों चुनाव BJP से हारे थे।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी द्वारा कई राज्यों में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाने के तुरंत बाद, चुनाव आयोग ने उनसे अपने दावों का सबूत जमा करने को कहा। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी से आज (8 अगस्त, 2025) दिन के अंत तक मतदाता सूची में हेरफेर के दावों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाए गए सबूत भी जमा करने को कहा है। राज्य के चुनाव अधिकारी ने राहुल गांधी को एक पत्र में कहा कि "आपको संलग्न घोषणा/शपथ को रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टर्स रूल्स, 1960 के नियम 20(3)(b) के तहत हस्ताक्षर करके वापस करने का अनुरोध किया जाता है, साथ ही ऐसे मतदाताओं के नाम भी दें ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके।"