लैपटॉप, ई-बाइक की बैटरी चलेगी 30% ज्यादा! TI ने पेश की नई टेक्नोलॉजी

TI ने नई टेक्नोलॉजी पेश की, बैटरी लाइफ 30% तक बढ़ेगी।

Published · By Bhanu · Category: Business & Economy
लैपटॉप, ई-बाइक की बैटरी चलेगी 30% ज्यादा! TI ने पेश की नई टेक्नोलॉजी
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सेमीकंडक्टर बनाने वाली जानी-मानी कंपनी टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स (TI) ने बैटरी मैनेजमेंट की एक नई टेक्नोलॉजी लॉन्च की है। कंपनी का दावा है कि यह तकनीक बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, जैसे लैपटॉप, ई-बाइक और पोर्टेबल मेडिकल डिवाइस की बैटरी लाइफ को 30% तक बढ़ा सकती है। यह तकनीक 20 सालों की पुरानी 'रिएक्टिव मॉनिटरिंग' प्रणाली से विकसित होकर 'प्रेडिक्टिव बैटरी मैनेजमेंट' की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कैसे काम करती है ये तकनीक?

TI ने इस नई तकनीक को 'डायनामिक जेड-ट्रैक टेक्नोलॉजी' (Dynamic Z-Track technology) नाम दिया है। यह एक सिंगल-चिप बैटरी गेज है जो बैटरी की स्थिति बताता है। यह तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बैटरी के इस्तेमाल के तरीकों को खुद ही समझती है और वास्तविक समय में बैटरी की सटीक जानकारी देती है। इससे डिवाइस की बैटरी कितने समय तक चलेगी, इसका सबसे सटीक अनुमान लगाया जा सकता है, जिससे उपकरण और ज्यादा कुशल और भरोसेमंद बनते हैं। कंपनी ने इस तकनीक वाले दो नए फ्यूल गेज – BQ41Z90 और BQ41Z50 भी पेश किए हैं।

आजकल क्यों जरूरी है ऐसी तकनीक?

कंपनी ने बताया कि आजकल के उपयोगकर्ता लैपटॉप, ई-बाइक और पोर्टेबल मेडिकल डिवाइस जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से ज्यादा पावर चाहते हैं। ऐसे में बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (BMS) को बैटरी की सटीक और वास्तविक समय की जानकारी देना बहुत जरूरी हो जाता है। पारंपरिक बैटरी निगरानी तरीके अक्सर अनियमित उपयोग की स्थितियों में सटीक जानकारी देने में संघर्ष करते हैं, जिससे गलत अनुमान लगते हैं।

विशेषज्ञों की राय

टी.आई. फेलो और बीएमएस एल्गोरिथम डेवलपमेंट के प्रमुख, येवगेन बार्सुकोव (Yevgen Barsukov) ने बताया, "पारंपरिक बैटरी निगरानी के तरीकों में अनियमित इस्तेमाल की स्थितियों में अक्सर सटीकता की कमी होती है, जिससे बैटरी चलने के समय का अनुमान गलत हो जाता है।" उन्होंने आगे कहा, "हमारी नई डायनामिक जेड-ट्रैक टेक्नोलॉजी एक 'प्रेडिक्टिव बैटरी मॉडल' है जो AI एप्लिकेशन जैसी गतिशील लोड स्थितियों में खुद को अपडेट कर सकती है, जिससे चलने के समय का सबसे सटीक अनुमान मिलता है।"

उपयोगकर्ताओं को क्या फायदे मिलेंगे?

बार्सुकोव ने यह भी कहा कि 20 साल के रिएक्टिव मॉनिटरिंग से विकसित यह नई तकनीक उपयोगकर्ताओं को भरोसेमंद कार्यप्रणाली, सुरक्षित संचालन और बैटरी की उम्र तथा चलने के समय की सटीक निगरानी प्रदान करेगी। इससे उन्हें अपने गैजेट्स पर अधिक भरोसा होगा।

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