खेल प्रशासन के 'अत्यधिक केंद्रीकरण' को बढ़ावा देगा नया खेल बिल: कांग्रेस
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर खेल प्रशासन के केंद्रीकरण का आरोप लगाया।


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कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, 2025 (National Sports Governance Bill, 2025) को 'जबरन' लोकसभा से पारित कराने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि यह नया बिल देश में खेल प्रशासन का 'अत्यधिक केंद्रीकरण' कर देगा। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि इस बिल के तहत भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को विशेष छूट मिलेगी और उसे सूचना का अधिकार (RTI) जैसे देश के किसी भी कानून के दायरे में नहीं लाया जाएगा।
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार, 12 अगस्त 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, "नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, 2025 को कल लोकसभा में 'धक्का देकर' पारित कराया गया और संभवतः आज राज्यसभा में भी इसके साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा।" उन्होंने दावा किया कि यह बिल खेल प्रशासन को पूरी तरह से केंद्रीयकृत कर देगा। साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि बीसीसीआई को सबसे ज्यादा तरजीही व्यवहार मिलेगा और उसे आरटीआई जैसे कानूनों से छूट दी जाएगी।
समिति की सिफारिशों को किया गया नजरअंदाज
जयराम रमेश ने बताया कि सोमवार, 11 अगस्त 2025 को शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि इस बिल को समिति के पास गहन जांच और व्यापक विचार-विमर्श के लिए भेजा जाए। रमेश ने कहा, "समितियां इसी काम के लिए होती हैं। हालांकि, मोदी सरकार ने, जैसा कि अतीत में अक्सर हुआ है, इस पूरी तरह से वैध अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया।"
सरकार का पक्ष
दूसरी ओर, खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस बिल को सोमवार को लोकसभा में पारित कराते हुए इसे "आजादी के बाद भारतीय खेलों में सबसे बड़ा सुधार" बताया था। यह बिल बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच ध्वनि मत से पारित किया गया। नेशनल एंटी-डोपिंग (संशोधन) बिल भी इसी दिन लोकसभा में पारित हुआ।