जाग्रति थिएटर ला रहा 'द हाउस ऑफ बर्नार्डा अल्बा'

जाग्रति थिएटर में 'द हाउस ऑफ बर्नार्डा अल्बा' का मंचन होगा।

Published · By Tarun · Category: Entertainment & Arts
जाग्रति थिएटर ला रहा 'द हाउस ऑफ बर्नार्डा अल्बा'
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इस सप्ताहांत जाग्रति थिएटर, मशहूर लेखक फेडेरिको गार्सिया लोर्का के बहुचर्चित नाटक 'द हाउस ऑफ बर्नार्डा अल्बा' का मंचन करने जा रहा है। यह पहली बार होगा जब जाग्रति थिएटर में इस नाटक का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसे देखने के लिए दर्शक उत्साहित हैं।

क्या है नाटक की कहानी?

यह नाटक नियंत्रण, शक्ति, स्वतंत्रता और इनकी कमी के इर्द-गिर्द घूमता है। इसकी कहानी बर्नार्डा अल्बा नाम की एक महिला पर केंद्रित है, जो अपने पति की मृत्यु के बाद आठ साल के शोक की घोषणा करती है। घर में उसकी पांच अविवाहित बेटियां हैं और बर्नार्डा का यह फैसला परिवार के सदस्यों के बीच नकारात्मक भावनाओं को जन्म देता है, जिससे उनके रिश्ते और खराब होते जाते हैं।

लेखक और उनकी विरासत

फेडेरिको गार्सिया लोर्का 20वीं सदी के शुरुआती दौर के एक प्रसिद्ध स्पेनिश कवि, नाटककार और थिएटर निर्देशक थे। उन्होंने यह नाटक 1936 में लिखा था, स्पेनिश गृहयुद्ध की शुरुआत में राष्ट्रवादी सेनाओं द्वारा उनकी हत्या किए जाने से ठीक दो महीने पहले। लोर्का की प्रतिभा इस बात में झलकती है कि 1936 में लिखा गया यह नाटक आज भी बेहद आधुनिक लगता है। इसमें लंबे एकालाप नहीं हैं और कहानी सामान्य संवादों के माध्यम से आगे बढ़ती है, जो उस समय के अन्य नाटकों से काफी अलग था।

जाग्रति थिएटर की खास पहल

जाग्रति थिएटर की संस्थापक-ट्रस्टी अरुंधति राजा ने बताया कि उन्हें लोर्का का काम हमेशा पसंद रहा है और यह उनके लिखे तीन नाटकों में से एक है। वह बरसों से एक ऐसा नाटक करना चाहती थीं जिसमें सभी कलाकार महिलाएं हों और 'द हाउस ऑफ बर्नार्डा अल्बा' उनकी पहली पसंद था। अरुंधति कहती हैं कि भले ही यह नाटक पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं के बारे में प्रतीत होता है, लेकिन यह शक्ति, स्वतंत्रता और उनके खो जाने के मानवीय पहलुओं को भी दर्शाता है।

अनोखा सेट डिज़ाइन

नाटक के एक और पहलू ने अरुंधति को बहुत प्रभावित किया। लोर्का ने अपनी कृति के शीर्षक पृष्ठ पर इसे 'ग्रामीण स्पेन में महिलाओं के जीवन का एक फोटोग्राफिक दस्तावेजीकरण' कहा था। अरुंधति ने इसी बात से प्रेरणा लेते हुए पूरे सेट को ब्लैक एंड व्हाइट (काला और सफेद) रंग में डिज़ाइन किया है। नाटक की शुरुआत में और हर एक्ट के बीच में ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें भी दिखाई जाएंगी, जो इसे एक जीवित फोटोग्राफिक डॉक्यूमेंट्री का रूप देंगी। अरुंधति ने साफ किया कि उन्होंने स्क्रिप्ट में कोई बदलाव नहीं किया है, बल्कि लेखक की मूल दृष्टि का सम्मान किया है।

आज भी प्रासंगिक

अरुंधति राजा के अनुसार, यह नाटक आज भी बेहद प्रासंगिक है। इसके विषय जैसे वर्ग असमानता, लैंगिक विभाजन, दमन और यौनिकता आज के समय में भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने 1936 में थे।

कौन-कौन हैं कलाकार?

इस नाटक में मुनीरा सेन, पद्मावती राव, मयूरा बावेजा, प्रियंका चंद्रशेखर, कल्याणी कुमार, यमुना काली, साम्राज्ञी दासगुप्ता, उर्वशी एचवी और गरिमा मिश्रा जैसे कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

प्रदर्शन की जानकारी

'द हाउस ऑफ बर्नार्डा अल्बा' का मंचन जाग्रति थिएटर में 22 अगस्त को शाम 7:30 बजे, और 23 व 24 अगस्त को दोपहर 3:30 बजे तथा शाम 7:30 बजे किया जाएगा। यह नाटक 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के दर्शकों के लिए उपयुक्त है। टिकट की कीमत ₹400 है और इन्हें BookMyShow पर खरीदा जा सकता है।

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