ईरान पर अमेरिका के हमले: क्या भड़क उठेगा तीसरा विश्व युद्ध?
अमेरिका के हमलों से ईरान में उबाल, इज़राइल-ईरान संघर्ष नई ऊंचाई पर


tarun@chugal.com
ईरान: नए संकट की दस्तक
ईरान एक बार फिर दुनिया के सियासी मंच पर सुर्खियों में है। इज़राइल से बढ़ते टकराव और अमेरिका के ताजा एयरस्ट्राइक ने खाड़ी क्षेत्र को गर्म कर दिया है। 21 जून 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर तीन महत्वपूर्ण ईरानी न्यूक्लियर साइट्स - फोर्डो, नतांज़ और इस्फहान पर बमबारी की गई। ट्रंप ने इसे 'सुपर हिट ऑपरेशन' बताया, जबकि ईरान ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया है।
इज़राइल और ईरान की जंग: कहां से शुरू हुआ विवाद
13 जून को इज़राइल ने अचानक ईरानी न्यूक्लियर और मिलिट्री ठिकानों पर हमला किया। इज़राइल का दावा है कि ईरान परमाणु बम बनाने की कगार पर था। इसके बाद दोनों देशों के बीच मिसाइलों की बारिश हुई। कई ईरानी न्यूक्लियर प्लांट्स को नुकसान पहुंचा और इज़राइल में भी कई शहरों में धमाके हुए।
ईरान का जवाब: धमकी और तैयारी
ईरान ने अमेरिका और इज़राइल को करारा जवाब देने की बात कही है। यहां तक कि खाड़ी में स्थित स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़ को बंद करने की धमकी दी गई है, जो दुनिया के तेल व्यापार का अहम रास्ता है। ईरान की संसद ने इसे लेकर प्रस्ताव भी पास कर दिया है।
दुनिया की चिंता: कहीं और न बढ़ जाए आग
सऊदी अरब, यूके और यूरोपीय यूनियन ने तुरंत शांति की अपील की है। यूएन ने भी न्यूक्लियर साइट्स पर हमले को गंभीर अपराध बताया है। खाड़ी देशों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और फ्लाइट्स ने ईरानी हवाई क्षेत्र से दूरी बना ली है।
ईरान के अंदर भी हलचल
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में मानवाधिकार उल्लंघन और फांसी की घटनाओं में इजाफा हुआ है। इसके खिलाफ ईरानी विपक्षी संगठन लगातार यूरोप में प्रदर्शन कर रहे हैं।
क्यों पढ़ें यह खबर
ईरान और इज़राइल के बीच यह तनातनी सिर्फ एक क्षेत्रीय मामला नहीं है। इसका असर तेल की कीमतों, वैश्विक अर्थव्यवस्था और सुरक्षा पर पड़ सकता है। आने वाले दिनों में क्या होगा, यह सबकी नजर में रहेगा।
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