INDIA गठबंधन में टीएमसी और कांग्रेस फिर करीब
INDIA गठबंधन में टीएमसी और कांग्रेस फिर करीब, राहुल-अभिषेक की मुलाकात


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INDIA गठबंधन में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कांग्रेस के बीच चुनावी गठबंधन को लेकर अक्सर दूरियां रही हैं। टीएमसी का दावा रहा है कि वह INDIA ब्लॉक में एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसका कांग्रेस के साथ कोई चुनावी तालमेल नहीं है। हालांकि, बिहार में मतदाता सूची के 'स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन' (SIR) के खिलाफ चल रहे आंदोलन ने इन दोनों पार्टियों को एक साथ आने का मौका दिया है। हाल ही में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा आयोजित एक डिनर बैठक में दोनों दलों के बीच संबंधों में नरमी देखने को मिली, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।
सीट बंटवारे पर तकरार
साल 2024 के आम चुनाव के दौरान सीट बंटवारे को लेकर सहमति न बन पाने के कारण दिसंबर 2023 के बाद से कांग्रेस और तृणमूल के रिश्ते तेजी से बिगड़ गए थे। टीएमसी ने कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में केवल दो सीटें देने की पेशकश की थी, जो तत्कालीन लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल कांग्रेस इकाई को मंजूर नहीं थी। श्री चौधरी द्वारा टीएमसी नेतृत्व, खासकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ दिए गए बयानों ने स्थिति को और खराब कर दिया था। इसके बाद से टीएमसी, बड़े INDIA ब्लॉक का हिस्सा रहते हुए भी, अक्सर गठबंधन से अलग एक स्वतंत्र रुख अपनाती रही है।
राहुल-अभिषेक की खास मुलाकात
गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा INDIA ब्लॉक के नेताओं के लिए आयोजित डिनर पर दोनों पक्षों ने एक नया अध्याय शुरू किया। सूत्रों के मुताबिक, डिनर से पहले टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा में नवनियुक्त संसदीय दल के नेता अभिषेक बनर्जी ने राहुल गांधी के साथ करीब 20 मिनट तक बातचीत की।
बैठक में मौजूद एक नेता ने बताया, "श्री बनर्जी डीएमके नेता के. कनिमोझी, एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ बैठे थे। टेबल पहले से ही भरी हुई थी, फिर भी राहुल गांधी ने एक कुर्सी खींचकर श्री बनर्जी के बगल में बैठ गए।" अगले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अंदरूनी सूत्रों को उम्मीद है कि यह मेलजोल तब तक जारी रहेगा, जिससे दोनों पक्षों को चुनावी समझ बनाने में मदद मिल सकती है।
'SIR' मुद्दे पर गठबंधन की एकजुटता
चुनाव आयोग ने कहा है कि मतदाता सूची के 'स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन' (SIR) प्रक्रिया को अन्य राज्यों में भी बढ़ाया जाएगा, हालांकि इसके लिए कोई समय-सारिणी नहीं दी गई है। 2026 में पश्चिम बंगाल, असम, केरल और तमिलनाडु सहित चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। कई सूत्रों के अनुसार, नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि 'SIR' के खिलाफ अभियान को संसद सत्र के बाद भी और 1 सितंबर को पटना में ब्लॉक द्वारा नियोजित रैली के बाद भी जारी रखना होगा।
फर्जी वोटर का मुद्दा और आगे की रणनीति
कर्नाटक के महादेवनपुरा विधानसभा क्षेत्र में फर्जी वोटरों के मामले को उजागर करने के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस को सामूहिक प्रशंसा मिली। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर आपराधिक धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि महादेवनपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 फर्जी वोटर बनाए गए थे। बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि यह अभ्यास अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के लिए भी किया जाना चाहिए, जिसमें एक नेता ने विशेष रूप से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट वाराणसी के लिए भी इसी तरह के विश्लेषण का सुझाव दिया।
आप (AAP) की नाराजगी दूर करने की कोशिश
INDIA ब्लॉक का नेतृत्व आम आदमी पार्टी (आप) और ब्लॉक के बीच की दरार को भरने के लिए भी काम कर रहा है। आप ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह अब INDIA ब्लॉक का हिस्सा नहीं है। सोमवार को चुनाव आयोग के कार्यालय तक होने वाले विरोध मार्च में आप की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नेता 'INDIA ब्लॉक' बैनर के उपयोग से सावधानी से बच रहे हैं।