गूगल को बड़ा झटका: अमेरिकी कोर्ट में ऐप स्टोर सुधार के खिलाफ अपील हारी

गूगल को अमेरिकी कोर्ट से बड़ा झटका, ऐप स्टोर सुधार के खिलाफ अपील हारी।

Published · By Tarun · Category: Technology & Innovation
गूगल को बड़ा झटका: अमेरिकी कोर्ट में ऐप स्टोर सुधार के खिलाफ अपील हारी
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परिचय

टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी गूगल को अमेरिकी अदालत से एक बड़ा झटका लगा है। एक महत्वपूर्ण फैसले में, कंपनी की उस अपील को खारिज कर दिया गया है जिसमें वह अपने ऐप स्टोर 'प्ले स्टोर' में बड़े सुधारों से बचना चाहती थी। यह मामला 'फोर्टनाइट' गेम बनाने वाली कंपनी एपिक गेम्स ने दायर किया था, जिसने गूगल पर एंड्रॉयड डिवाइस पर ऐप्स और इन-ऐप खरीदारी तक उपभोक्ताओं की पहुंच में एकाधिकार का आरोप लगाया था।

क्या है पूरा मामला?

एपिक गेम्स ने 2020 में गूगल के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। एपिक का आरोप था कि गूगल एंड्रॉयड डिवाइस पर ऐप्स तक पहुंच बनाने और ऐप्स के अंदर होने वाले लेन-देन के भुगतान के तरीके पर एकाधिकार रखता है। उत्तरी कैरोलिना के कैरी स्थित एपिक गेम्स कंपनी ने सैन फ्रांसिस्को की एक जूरी को यह समझाने में कामयाबी हासिल की थी कि गूगल ने अवैध रूप से प्रतिस्पर्धा को दबाया है। 2023 में जूरी ने एपिक के पक्ष में फैसला सुनाया था।

अदालत का फैसला

सैन फ्रांसिस्को स्थित 9वीं अमेरिकी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने गुरुवार को सर्वसम्मत फैसला सुनाते हुए गूगल की अपील को खारिज कर दिया। अदालत ने गूगल के उन दावों को भी नामंजूर कर दिया कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने एकाधिकार-विरोधी मामले में कानूनी त्रुटियां कीं, जिनसे एपिक गेम्स को अनुचित लाभ मिला।

क्या कहता है अदालत का आदेश?

सैन फ्रांसिस्को के अमेरिकी जिला न्यायाधीश जेम्स डोनाटो ने अक्टूबर में गूगल को निर्देश दिया था कि वह प्रतिस्पर्धा बहाल करे। इस आदेश के तहत, गूगल को यूजर्स को अपने प्ले स्टोर के भीतर प्रतिस्पर्धी ऐप स्टोर डाउनलोड करने की अनुमति देनी होगी। साथ ही, प्ले स्टोर के ऐप कैटलॉग को उन प्रतिस्पर्धियों के लिए उपलब्ध कराना होगा। डोनाटो का यह आदेश 9वें सर्किट कोर्ट में अपील के नतीजे लंबित रहने तक रुका हुआ था। अब इस फैसले को पूरे 9वें सर्किट कोर्ट और अंततः अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।

गूगल की प्रतिक्रिया

इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए, गूगल की नियामक मामलों की उपाध्यक्ष ली-ऐन मुलहॉलैंड ने कहा कि अदालत का यह फैसला "उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को काफी नुकसान पहुंचाएगा, विकल्पों को सीमित करेगा और उस नवाचार को कमजोर करेगा जो हमेशा से एंड्रॉयड इकोसिस्टम का केंद्र रहा है।" कंपनी ने कहा कि वह अपनी अपील जारी रखते हुए एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करती रहेगी।

एपिक गेम्स की प्रतिक्रिया

एपिक के सीईओ टिम स्वीनी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, "इस फैसले के लिए धन्यवाद, एंड्रॉयड के लिए एपिक गेम्स स्टोर जल्द ही गूगल प्ले स्टोर पर आएगा!"

गूगल का तर्क

अपील के दौरान, गूगल ने अदालत को बताया था कि उसकी प्ले स्टोर एप्पल के ऐप स्टोर के साथ प्रतिस्पर्धा करती है। गूगल ने तर्क दिया था कि जज डोनाटो ने एपिक के एकाधिकार-विरोधी दावों का विरोध करने के लिए गूगल को यह बात रखने से अनुचित रूप से रोका। तकनीकी कंपनी ने यह भी तर्क दिया था कि जूरी को एपिक के मुकदमे की सुनवाई नहीं करनी चाहिए थी, क्योंकि एपिक ने गूगल के आचरण को रोकने की मांग की थी - यह एक ऐसा अनुरोध है जिस पर सामान्यतः न्यायाधीश द्वारा फैसला किया जाता है, न कि नुकसान की भरपाई के लिए।

समर्थन और अन्य मामले

इस मामले में माइक्रोसॉफ्ट के साथ-साथ अमेरिकी न्याय विभाग और फेडरल ट्रेड कमीशन ने भी एपिक का समर्थन किया था। बता दें कि एपिक एप्पल के खिलाफ भी एक अलग कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। इस मामले में एक अमेरिकी न्यायाधीश ने आईफोन निर्माता को डेवलपर्स को अपने ऐप स्टोर के बाहर खरीदारी करने के लिए ग्राहकों को निर्देशित करने की अधिक स्वतंत्रता देने का आदेश दिया था। एप्पल ने उस फैसले के खिलाफ अपील की है जिसमें कहा गया था कि उसने एपिक द्वारा 2020 में दायर एक मुकदमे में पहले के स्थगन आदेश का उल्लंघन किया था।

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