गाजा में मानवीय सहायता ‘बहुत अपर्याप्त’: जर्मनी ने इजरायल पर बढ़ाया दबाव

जर्मनी ने गाजा में मानवीय सहायता को 'बहुत अपर्याप्त' बताया।

Published · By Bhanu · Category: World News
गाजा में मानवीय सहायता ‘बहुत अपर्याप्त’: जर्मनी ने इजरायल पर बढ़ाया दबाव
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जर्मनी ने गाजा पट्टी में मानवीय सहायता की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। शनिवार (2 अगस्त, 2025) को जर्मन सरकार ने कहा कि गाजा में भेजी जा रही सहायता अभी भी "बहुत अपर्याप्त" है, हालांकि इसमें थोड़ा सुधार हुआ है। जर्मनी की यह टिप्पणी तब आई है जब मंत्रियों ने इजरायल पर दबाव बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। संयुक्त राष्ट्र ने भी बताया है कि इजरायल से अनुमति का इंतजार करते हुए 6,000 ट्रक फिलिस्तीनी क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए खड़े हैं।

क्या है पूरा मामला?

जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने इस हफ्ते क्षेत्र का दौरा किया था। इसके बाद जर्मन सेना ने गाजा में अपनी पहली खाद्य सहायता हवाई मार्ग से भेजी। सहायता एजेंसियों का कहना है कि गाजा में 20 लाख से ज़्यादा फिलिस्तीनी भुखमरी का सामना कर रहे हैं। जर्मन सरकार के प्रवक्ता स्टीफन कोर्नेलीस ने एक बयान में कहा, "गाजा पट्टी की आबादी तक मानवीय सहायता पहुंचाने में शुरुआती सीमित प्रगति हुई है, लेकिन आपात स्थिति को कम करने के लिए यह अभी भी बहुत अपर्याप्त है।" उन्होंने आगे कहा, "इजरायल की जिम्मेदारी है कि वह पूरी तरह से सहायता की डिलीवरी सुनिश्चित करे।"

संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों की चिंता

गाजा में अपने सैन्य अभियानों को लेकर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहे इजरायल ने कुछ और ट्रकों को सीमा पार करने और कुछ विदेशी देशों को खाद्य व दवाएं हवाई मार्ग से गिराने की अनुमति दी है। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों का कहना है कि गाजा में पहुंच रही सहायता की मात्रा अभी भी खतरनाक रूप से कम है। संयुक्त राष्ट्र ने जानकारी दी है कि 6,000 ट्रक अभी भी इजरायल से फिलिस्तीनी क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं।

सहायता चोरी होने के आरोप

जर्मन सरकार, जो पारंपरिक रूप से इजरायल की मजबूत समर्थक रही है, ने "उन रिपोर्टों पर भी चिंता व्यक्त की है कि हमास और आपराधिक संगठनों द्वारा बड़ी मात्रा में मानवीय सहायता रोकी जा रही है।" इजरायल ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र में पहुंचने वाली अधिकांश सहायता हमास द्वारा हड़प ली जाती है, जो गाजा पर शासन करता है। हालांकि, इजरायली सेना पर भी आरोप लगे हैं कि उसने हमास के खिलाफ अपनी लड़ाई में फिलिस्तीनी आपराधिक नेटवर्क को हथियारबंद किया और उन्हें सहायता वितरण लूटने की अनुमति दी। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (OCHA) के जोनाथन व्हिटल ने मई में पत्रकारों को बताया था, "युद्ध की शुरुआत से सहायता की वास्तविक चोरी आपराधिक गिरोहों ने इजरायली सेना की निगरानी में की है।"

इजरायल पर दबाव बढ़ाने के विकल्प

एक जर्मन सरकारी सूत्र ने एएफपी को बताया कि इजरायल ने गाजा में प्रवेश करने वाले सहायता ट्रकों की संख्या प्रति दिन लगभग 220 तक "काफी" बढ़ा दी है। हालांकि, यह अभी भी आवश्यकताओं के मुकाबले बहुत कम है। बर्लिन ने हाल के हफ्तों में गाजा और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में इजरायल की कार्रवाइयों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। सूत्र ने बताया कि शनिवार को हुई जर्मन सुरक्षा कैबिनेट की बैठक में इजरायल पर दबाव बनाने के 'विभिन्न विकल्पों' पर चर्चा की गई, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया गया। इजरायल को हथियारों की आपूर्ति को आंशिक रूप से निलंबित करना भी एक विकल्प है जिस पर विचार किया जा रहा है।

गाजा संघर्ष की पृष्ठभूमि

यह संघर्ष 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के इजरायल पर हमले के बाद शुरू हुआ था। एएफपी के आधिकारिक इजरायली आंकड़ों पर आधारित आंकड़ों के अनुसार, उस हमले में 1,219 लोग मारे गए थे। इसके बाद से गाजा पर इजरायल के सैन्य अभियान में गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कम से कम 60,249 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र इन आंकड़ों को विश्वसनीय मानता है।

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