गगनयान मिशन 'आत्मनिर्भर भारत' का नया अध्याय, गगनयात्री देश के रत्न हैं: राजनाथ सिंह
गगनयान मिशन 'आत्मनिर्भर भारत' का नया अध्याय है।


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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार, 24 अगस्त, 2025 को कहा कि भारत का महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन 'आत्मनिर्भर भारत' की यात्रा में एक 'नया अध्याय' शुरू करने जैसा है। उन्होंने इस मिशन के लिए चुने गए चार गगनयात्रियों को 'देश के रत्न' बताया, जिनमें विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं।
सम्मान समारोह
यह खास कार्यक्रम भारतीय वायु सेना (IAF) द्वारा नई दिल्ली के सुब्रतो पार्क में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने चारों गगनयात्रियों को सम्मानित किया और उन्हें बधाई दी। इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और चीफ ऑफ एयर स्टाफ (सीएएस) एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी मौजूद थे।
कौन हैं गगनयात्री
गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार जांबाज गगनयात्री हैं: ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला। इनके नामों की घोषणा सबसे पहले फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के दौरे के दौरान की थी। विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हाल ही में सफलतापूर्वक पूरे हुए एक्सिओम 4 मिशन का भी हिस्सा थे।
गगनयान मिशन का लक्ष्य
गगनयान परियोजना को प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में औपचारिक रूप से घोषित किया था। इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य साल 2027 तक तीन अंतरिक्ष यात्रियों के एक दल को अंतरिक्ष में भेजना है। ये अंतरिक्ष यात्री 400 किलोमीटर की निचली पृथ्वी कक्षा में तीन दिनों के मिशन पर रहेंगे, जो भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।