विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार से मोहभंग!

अगस्त में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से ₹18,000 करोड़ निकाले।

Published · By Tarun · Category: Business & Economy
विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार से मोहभंग!
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क्या हुआ?

अगस्त 2025 में, विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से बड़ी रकम निकाली है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने की 8 तारीख तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने इक्विटी (शेयर) से लगभग ₹18,000 करोड़ निकाल लिए हैं। अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव, कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे और भारतीय रुपये के कमजोर होने के कारण यह निकासी देखी गई है।

साल 2025 में अब तक की निकासी

इस ताजा निकासी के साथ, साल 2025 में विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर बाजार से निकाली गई कुल रकम बढ़कर ₹1.13 लाख करोड़ हो गई है। यह आंकड़ा इस बात का संकेत देता है कि विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों में भरोसा कमजोर हुआ है।

पैसे निकालने की मुख्य वजहें

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि यह निकासी मुख्य रूप से अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव, पहली तिमाही के निराशाजनक कॉर्पोरेट नतीजों और भारतीय रुपये के लगातार कमजोर होने के कारण हुई है।

अमेरिका-भारत व्यापारिक तनाव का असर

एंजेल वन के वरिष्ठ फंडामेंटल एनालिस्ट वकार जावेद खान ने कहा कि 1 अगस्त से अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 25% का टैरिफ (शुल्क) लगा दिया था, और चालू सप्ताह में इसे अतिरिक्त 25% बढ़ा दिया गया। इस कदम से बाजार और FPIs में घबराहट फैल गई, जिसके कारण भारतीय शेयरों में बड़े पैमाने पर बिकवाली देखी गई। टैरिफ के अलावा, अमेरिका में ट्रेजरी यील्ड्स (सरकारी बॉन्ड पर रिटर्न) में वृद्धि ने भी विदेशी निवेशकों को अपनी पूंजी अमेरिकी बॉन्ड बाजार में स्थानांतरित करने के लिए प्रेरित किया।

पहले क्या था रुझान?

पिछले महीने जुलाई में भी विदेशी निवेशकों ने शुद्ध रूप से ₹17,741 करोड़ की निकासी की थी। हालांकि, इससे पहले मार्च से जून तक तीन महीनों में FPIs ने भारतीय इक्विटी में ₹38,673 करोड़ का निवेश किया था।

आगे क्या होगा?

एंजेल वन के वकार जावेद खान के अनुसार, आगे भी FPIs का रुख "नाजुक" बना रहने और वे जोखिम से बचने के मूड में रहने की संभावना है। आने वाले सप्ताह में टैरिफ और व्यापार वार्ता प्रमुख कारक होंगे जिन पर निवेशकों की नजर रहेगी।

कर्ज बाजार में निवेश

हालांकि इक्विटी बाजार से निकासी हुई है, लेकिन इसी अवधि के दौरान FPIs ने कर्ज बाजार (Debt Market) में निवेश किया है। उन्होंने डेट जनरल लिमिट में ₹3,432 करोड़ और डेट वॉलंटरी रिटेंशन रूट (VRR) में ₹58 करोड़ का निवेश किया।

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