बुमराह को चाहिए समर्थन, चौथा टेस्ट भारत के लिए मुश्किल: ट्रॉट
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ट्रॉट ने बुमराह और भारतीय टीम पर बयान दिया।


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पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम 1-2 से पीछे है। चौथे टेस्ट के तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत, इंग्लैंड से 186 रन पीछे है। इस मैच को लेकर इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर जोनाथन ट्रॉट ने अपनी राय रखी है।
क्या बोले जोनाथन ट्रॉट?
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर जोनाथन ट्रॉट का मानना है कि भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को दूसरे छोर से अगर समर्थन मिले तो उन्हें काफी फायदा होता है। हालांकि, ट्रॉट ने यह भी कहा कि मैनचेस्टर में चल रहा चौथा टेस्ट अब भारत की पहुँच से 'थोड़ा बाहर' हो गया है। तीसरे दिन भारतीय टीम के लिए मैदान पर शायद सबसे खराब प्रदर्शन रहा, जब जो रूट के रिकॉर्ड-तोड़ 150 रन की पारी ने मेजबान टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया।
बुमराह को चाहिए समर्थन
जियोहॉटस्टार एक्सपर्ट ट्रॉट ने कहा, "बुमराह की लाइन और लेंथ काफी अच्छी थी और उनके इकोनॉमी रेट से यह पता चलता है। वह थोड़े बदकिस्मत थे। लेकिन बड़ी समस्या दोनों छोर से दबाव की है।" उन्होंने आगे कहा, "बुमराह को जब दूसरे छोर से समर्थन मिलता है तो उन्हें बहुत फायदा होता है, और आज (शुक्रवार) ऐसा नहीं था। जब आप एक गेंदबाजी इकाई के रूप में थोड़े कमजोर होते हैं - जैसे भारत था - तो दोनों छोर से नियंत्रण महत्वपूर्ण हो जाता है।"
शुभमन गिल और गेंदबाजी इकाई पर टिप्पणी
ट्रॉट ने युवा भारतीय कप्तान शुभमन गिल के प्रति सहानुभूति व्यक्त की, जो अपनी पहली कप्तानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत इस टेस्ट में बड़े अंतर से पिछड़ गया है और अब यह उनके नियंत्रण से बाहर लगता है। ट्रॉट ने कहा, "शुभमन गिल बल्लेबाज के तौर पर इंग्लैंड के अपने पहले दौरे पर हैं और उन्हें कप्तान के तौर पर भी गहरी जिम्मेदारी में डाल दिया गया है।"
उनकी (भारत की) गेंदबाजी आकाश दीप की अनुपलब्धता से प्रभावित हुई - उन्होंने पिछले टेस्ट में 10 विकेट लिए थे लेकिन चोट के कारण इस मैच से बाहर हो गए। उनकी जगह आए अंशुल कंबोज टेस्ट क्रिकेट की मांगों पर खरे नहीं उतर पाए। ट्रॉट ने एक और सुधार की बात की: "भारत अपनी गेंदबाजी संयोजन में सुधार कर सकता था - तेज गेंदबाजों ने लगभग 82 ओवर में सिर्फ तीन विकेट लिए, जबकि स्पिनरों ने केवल 52 ओवर में चार विकेट लिए। उन्हें इस पर फिर से विचार करने की जरूरत होगी।"
जो रूट का 'बाजबल' अंदाज़
ट्रॉट ने कहा कि जो रूट ने आक्रामक 'बाजबल' शैली और पारंपरिक बल्लेबाजी शैली के बीच संतुलन बना लिया है, जो इंग्लैंड के इस महान खिलाड़ी के लिए अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा, "जो रूट की तकनीक बहुत मजबूत है, आप उन्हें नाटकीय रूप से गियर बदलते नहीं देखते। जब बाजबल पहली बार आया, तो उन्होंने थोड़ा प्रयोग किया - तेज गेंदबाजों को रैंप किया, रिवर्स स्कूप खेले - लेकिन अब उन्होंने इसे एक तरफ रख दिया है।" उन्होंने कहा, "उन्होंने एक संतुलित दृष्टिकोण पाया है, शायद उस आक्रामक चरण के कुछ तत्वों को आगे बढ़ाया है, लेकिन कुल मिलाकर, वह उसी पर टिके रहते हैं जो उनके लिए सबसे अच्छा काम करता है।"
संजय मांजरेकर की उम्मीदें
इस बीच, पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने उम्मीद जताई कि भारतीय टीम दबाव में नहीं आएगी और संघर्ष करके वापसी करेगी। मांजरेकर ने कहा, "भारत ड्रॉ के बारे में नहीं सोचेगा। वे चाहेंगे कि सूरज निकले ताकि वे ढेर सारे रन बना सकें और इंग्लैंड पर दबाव डाल सकें। पिच में असमान उछाल के संकेत दिख रहे हैं, इसलिए यह मुश्किल हो सकता है।"