इजरायल पर प्रतिबंध लगाने में विफल रहे डच विदेश मंत्री का इस्तीफा, सरकार संकट में
डच विदेश मंत्री ने इजरायल पर प्रतिबंध लगाने में विफल रहने पर इस्तीफा दिया।


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नीदरलैंड में सियासी संकट गहरा गया है। देश के विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप ने शुक्रवार, 22 अगस्त 2025 की शाम को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह कदम गाजा में चल रहे युद्ध को लेकर इजरायल के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने में विफल रहने के बाद उठाया है।
इस्तीफे की मुख्य वजह
कैस्पर वेल्डकैंप, जो पहले इजरायल में राजदूत रह चुके हैं, ने संसद को सूचित किया था कि वह गाजा सिटी और अन्य घनी आबादी वाले क्षेत्रों में इजरायल के नियोजित सैन्य अभियान के जवाब में कुछ नए उपाय लाना चाहते थे। हालांकि, वह अपने गठबंधन सहयोगियों का समर्थन हासिल करने में नाकाम रहे। 61 वर्षीय वेल्डकैंप ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें लगा कि वह "अपनी नीति को लागू करने और वह राह तय करने में असमर्थ हैं जिसे वह आवश्यक मानते हैं।"
सरकार पर गहराया संकट
वेल्डकैंप के इस्तीफे के बाद, उनकी सेंटर-राइट न्यू सोशल कॉन्ट्रैक्ट पार्टी के कैबिनेट के शेष सदस्यों ने भी पद छोड़ दिया। इससे नीदरलैंड की सरकार पूरी तरह से अव्यवस्था में आ गई है। पार्टी नेता एडी वैन हिजुम ने कहा, "संक्षेप में, हम इससे ऊब चुके हैं।" उन्होंने इजरायली सरकार के कार्यों को "अंतर्राष्ट्रीय संधियों के बिल्कुल विपरीत" बताया।
पहले से ही अस्थिर थी सरकार
यह नीदरलैंड में पहला सरकारी संकट नहीं है। इससे पहले जून में भी देश की सरकार गिर गई थी, जब इस्लाम-विरोधी सांसद गीर्ट वाइल्डर्स ने आव्रजन को लेकर हुए विवाद के बाद चार-पक्षीय गठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया था। तब से, शेष तीन पार्टियां अक्टूबर में होने वाले चुनावों तक एक कार्यवाहक सरकार चला रही थीं। प्रधानमंत्री डिक शूफ़ शुक्रवार शाम को इस संकट पर संसद को संबोधित करने वाले थे।
गाजा की भयावह स्थिति
इस बीच, खाद्य संकट पर दुनिया के अग्रणी संगठन ने शुक्रवार को ही बताया था कि गाजा पट्टी का सबसे बड़ा शहर अकाल की चपेट में है। संगठन ने चेतावनी दी कि अगर तत्काल युद्धविराम नहीं हुआ और मानवीय सहायता पर लगी पाबंदियां खत्म नहीं की गईं, तो यह स्थिति पूरे क्षेत्र में फैल सकती है।
संसद में बहस और विरोध
नीदरलैंड की संसद में इजरायल के खिलाफ प्रतिबंधों पर बहस को बार-बार टाला जा रहा था। शुक्रवार दोपहर की कैबिनेट बैठक लंबी खिंचने के कारण यह चर्चा गुरुवार से ही स्थगित थी। ग्रीन लेफ्ट/लेबर पार्टियों की काटी पीरी ने संसद में कहा, "वहां अकाल, जातीय सफाया और नरसंहार हो रहा है। और हमारी कैबिनेट घंटों इस बात पर विचार कर रही है कि क्या कोई कार्रवाई की जाए। यह शर्मनाक है।" वेल्डकैंप ने प्रस्तावित सैन्य वृद्धि के जवाब में कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इजरायली बस्तियों से आयात पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया था। विपक्षी राजनेताओं ने इजरायल के खिलाफ कार्रवाई की कमी को देखते हुए विदेश मंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी।