दिल्ली से बिहार तक चुनाव आयोग पर छिड़ा संग्राम, जानिए पूरी कहानी

बिहार चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की तैयारियों ने बटोरी सुर्खियाँ

Published · By Tarun · Category: Politics & Government
दिल्ली से बिहार तक चुनाव आयोग पर छिड़ा संग्राम, जानिए पूरी कहानी
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चुनाव आयोग क्यों है सुर्खियों में: एक कहानी चुनावी तैयारियों और विवादों की

जून 2025 का महीना है और 'चुनाव आयोग' सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जबरदस्त ट्रेंड कर रहा है। लेकिन सवाल उठता है—आख़िर क्यों? जवाब है—बिहार विधानसभा चुनाव 2025, दिल्ली चुनाव के बाद उठे सवाल, और जनता की बढ़ती जागरूकता।

बिहार चुनाव: ECI की युद्धस्तरीय तैयारी

बिहार में विधानसभा चुनाव नवंबर 2025 से पहले होने हैं, और चुनाव आयोग पूरी ताकत से जुट गया है। वोटर लिस्ट अपडेट की जा रही है, बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) को ट्रेनिंग दी जा रही है और चुनाव को दो से तीन चरणों में कराने की योजना है। इतना ही नहीं, ECI एक डिजिटल डैशबोर्ड भी ला रहा है जिससे सारे चुनावी कामकाज एक ही जगह से निपट सकें।

वोटर लिस्ट में पारदर्शिता लाने की कोशिश

ECI ने आधार-वोटर आईडी लिंकिंग जैसे कदम उठाए हैं ताकि फर्जी वोटिंग रोकी जा सके। मृत लोगों के नाम हटाने के लिए रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के साथ मिलकर काम हो रहा है। यह पहल लोगों में विश्वास तो बढ़ा रही है, लेकिन कुछ सवाल भी खड़े कर रही है—क्या आधार लिंकिंग से निजता पर असर पड़ेगा?

विवाद भी कम नहीं

एक वायरल वीडियो ने चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा कर दिया जिसमें दावा किया गया कि एक पाकिस्तानी नागरिक ने जम्मू-कश्मीर में वोट डाला। आयोग ने तुरंत जांच के आदेश दिए, लेकिन सवाल उठे—क्या ECI का सिस्टम इतना लचर है?

दिल्ली चुनाव और विपक्ष का हमला

दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत को लेकर भी सवाल उठे। आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर अंगुली उठाई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मंत्री आतिशी ने खुले तौर पर ECI की कार्यशैली पर सवाल उठाए।

X प्लेटफॉर्म पर जनता की राय

X (पूर्व ट्विटर) पर जनता बंटी हुई है। कुछ लोग ECI की पारदर्शिता की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ इसके 'सरकारी प्रवक्ता' बन जाने का आरोप लगा रहे हैं। हैशटैग्स और थ्रेड्स में ECI की हर कार्रवाई पर नजर रखी जा रही है।

निष्कर्ष

'चुनाव आयोग' का ट्रेंड करना महज़ एक वायरल मुद्दा नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि देश की जनता अब चुनावी प्रक्रिया को लेकर ज्यादा सजग और सवाल पूछने को तैयार है। Bihar हो या Delhi, पारदर्शिता और निष्पक्षता ही चुनाव आयोग की साख को बनाए रख सकती है।

📌 नोट: यह रिपोर्ट विभिन्न स्रोतों और X प्लेटफॉर्म पर किए गए विश्लेषण पर आधारित है।

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