सऊदी अरब में 26 साल पहले हुए हत्या के आरोपी को CBI ने दबोचा

CBI ने 26 साल पहले सऊदी अरब में हुए हत्या के आरोपी को दबोचा।

Published · By Bhanu · Category: Politics & Government
सऊदी अरब में 26 साल पहले हुए हत्या के आरोपी को CBI ने दबोचा
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो साल 1999 में सऊदी अरब में हुए एक हत्या के मामले में पिछले 26 साल से फरार था। आरोपी ने अपनी पहचान बदलकर भारत में रहना शुरू कर दिया था। अधिकारियों ने शनिवार (16 अगस्त, 2025) को यह जानकारी दी।

क्या है पूरा मामला?

CBI अधिकारियों के अनुसार, मोहम्मद दिलशाद नाम का यह व्यक्ति सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक हेवी मोटर मैकेनिक और सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करता था। आरोप है कि 1999 में दिलशाद ने अपने कार्यस्थल पर एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी।

कैसे दिया था सऊदी प्रशासन को चकमा

हत्या करने के बाद दिलशाद सऊदी अरब के अधिकारियों को चकमा देकर भारत भाग आया था। यहां उसने धोखाधड़ी से अपनी एक नई पहचान और नया पासपोर्ट बनवा लिया था। अधिकारियों ने बताया कि इस नए पासपोर्ट का इस्तेमाल कर वह लगातार कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचता रहा और इस दौरान कई बार खाड़ी देशों की यात्रा भी की।

CBI ने कैसे संभाला मोर्चा?

अप्रैल 2022 में सऊदी अरब सरकार के अनुरोध पर CBI ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी, ताकि फरार आरोपी का पता लगाकर उस पर भारत में मुकदमा चलाया जा सके। संघीय जांच एजेंसी ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में दिलशाद के पैतृक गांव का पता लगाया। इसके बाद उसके खिलाफ एक लुक-आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया गया।

नई रणनीति से मिली कामयाबी

हालांकि, शुरुआती लुक-आउट सर्कुलर दिलशाद के पुराने यात्रा दस्तावेजों पर आधारित था, जिससे उसे अंतरराष्ट्रीय यात्रा जारी रखने में दिक्कत नहीं हुई। CBI के प्रवक्ता ने बताया, "जांच के दौरान यह पता चला कि दिलशाद धोखे से हासिल की गई अपनी नई पहचान के आधार पर कतर, कुवैत और सऊदी अरब की यात्रा करता था।" एजेंसी ने विभिन्न तकनीकी और मानवीय खुफिया जानकारी विकसित की, जिससे दिलशाद के नए पासपोर्ट का पता चला। इसके बाद एक नया लुक-आउट सर्कुलर जारी किया गया।

दिल्ली एयरपोर्ट पर हुआ गिरफ्तार

अपनी नई पहचान से अनजान, दिलशाद 11 अगस्त को मदीना से जेद्दा होते हुए इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। जैसे ही वह भारत आया, इमिग्रेशन विभाग ने CBI को सतर्क कर दिया और आरोपी को हिरासत में ले लिया गया। इस तरह 26 साल बाद हत्या का यह आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आया।

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