ब्रिटिश संसद की रिपोर्ट पर भड़का भारत, 'बेबुनियाद' बताकर आरोपों को किया खारिज
भारत ने ब्रिटिश संसद की 'बेबुनियाद' रिपोर्ट को खारिज किया।


bhanu@chugal.com
क्या हुआ
नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार (1 अगस्त, 2025) को ब्रिटिश संसद की उस रिपोर्ट को 'बेबुनियाद' बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उसे ब्रिटेन में 'सीमा पार दमन' (transnational repression) में शामिल देशों में गिना गया था। यह रिपोर्ट, जिसका शीर्षक 'ब्रिटेन में सीमा पार दमन' है, 30 जुलाई को सार्वजनिक की गई थी।
भारत ने आरोपों को नकारा
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि ये आरोप 'बिना जाँच वाले' और 'संदिग्ध स्रोतों' से आए हैं, जो मुख्य रूप से भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल प्रतिबंधित संगठनों और व्यक्तियों से जुड़े हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया, "हमने रिपोर्ट में भारत के संदर्भ को देखा है और इन बेबुनियाद आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं।"
भारत ने क्यों नकारे आरोप?
रणधीर जायसवाल ने आगे कहा, "ये दावे बिना जाँच वाले और संदिग्ध स्रोतों से उपजे हैं, जो मुख्य रूप से उन प्रतिबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों से जुड़े हैं, जिनका भारत-विरोधी शत्रुता का स्पष्ट और दस्तावेजित इतिहास रहा है।" उन्होंने यह भी कहा कि "अप्रमाणित स्रोतों पर जानबूझकर निर्भरता से इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठता है।"
रिपोर्ट में और कौन से देश?
ब्रिटिश संसद की मानवाधिकार संयुक्त समिति द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में भारत के साथ-साथ चीन, मिस्र, इरिट्रिया, ईरान, पाकिस्तान, रूस, बहरीन, रवांडा, सऊदी अरब, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को भी ब्रिटेन में 'सीमा पार दमन' में कथित रूप से शामिल देशों के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है।
रिपोर्ट के सूत्र क्या थे?
रिपोर्ट में भारत से संबंधित कुछ जानकारी 'सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ)' नामक एक खालिस्तान समर्थक संगठन और ब्रिटेन स्थित अन्य सिख समूहों द्वारा प्रदान की गई थी। बता दें कि भारत में SFJ पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंध लगा हुआ है।