बीजापुर में 103 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, सरकार ने दिए 50 हजार रुपये
बीजापुर में 103 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, सरकार ने दी मदद।


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एक साथ इतने नक्सलियों का आत्मसमर्पण
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गुरुवार (2 अक्टूबर 2025) को एक बड़ी घटना में 103 नक्सलियों ने अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें 49 ऐसे नक्सली थे जिन पर कुल एक करोड़ रुपये से ज़्यादा का इनाम था। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में वामपंथी उग्रवादियों का आत्मसमर्पण शायद अब तक का सबसे बड़ा मामला है। आत्मसमर्पण करने वालों में 22 महिलाएं भी शामिल थीं।
नक्सलियों ने क्यों छोड़ा हिंसा का रास्ता?
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जितेंद्र कुमार यादव ने जानकारी दी कि इन नक्सलियों ने पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने हथियार डाले। उन्होंने बताया कि ये सभी नक्सली, प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) की "खोखली" विचारधारा से निराश थे और संगठन के भीतर चल रहे मतभेदों के कारण उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला किया। इसके अलावा, उन्होंने बस्तर क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों से भी प्रभावित होने की बात कही।
सरकार की तरफ से मिली तत्काल मदद
पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को तत्काल सहायता के तौर पर 50,000 रुपये नकद दिए गए। उन्हें सरकार की पुनर्वास नीति के तहत भी मदद दी जाएगी। एसपी यादव ने बताया कि नक्सलियों ने बस्तर रेंज पुलिस की पुनर्वास पहल 'पूना मार्गम' (सामाजिक पुनर्एकीकरण के लिए पुनर्वास), छत्तीसगढ़ सरकार की दूरदराज के गांवों में विकास कार्य सुनिश्चित करने वाली 'नियाद नेल्लनार' (आपका अच्छा गांव) योजना और राज्य प्रशासन की नई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
लाखों के इनामी नक्सली भी शामिल
आत्मसमर्पण करने वालों में कई बड़े इनामी नक्सली भी शामिल थे। इनमें माओवादियों के डिविजनल कमेटी सदस्य लच्छू पूनेम उर्फ संतोष (36), और प्लाटून पार्टी कमेटी सदस्य गुड्डू फरसा (30), भीमा सोढ़ी (45), हिडमे फरसा (26) और सुखमती ओयाम (27) शामिल हैं। इनमें से हर एक पर 8 लाख रुपये का इनाम था। इसके अलावा, चार नक्सलियों पर 5 लाख रुपये, 15 पर 2 लाख रुपये, दस पर 1 लाख रुपये, 12 पर 50,000 रुपये और तीन पर 10,000 रुपये का इनाम घोषित था। यादव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में रिवोल्यूशनरी पार्टी कमेटी (RPC) के सदस्यों की संख्या भी काफी ज़्यादा है। उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में कई नक्सली नेताओं के सुरक्षा बलों द्वारा मारे जाने या आत्मसमर्पण करने के बाद इन लोगों ने वामपंथी उग्रवादी आंदोलन छोड़ने का फैसला किया।
इस साल बीजापुर में इतने नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
एसपी यादव ने बताया कि इस साल अब तक बीजापुर जिले में कुल 410 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 421 अन्य को गिरफ्तार किया गया है।
एसपी ने की मुख्यधारा में लौटने की अपील
एसपी ने जोर देकर कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति की शर्तें नक्सलियों को हिंसा छोड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वालों के परिवार भी चाहते हैं कि वे सामान्य जीवन जिएं और समाज में घुल-मिल जाएं। एसपी ने सभी नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की।