भारत को ‘परफेक्ट 11’ की तलाश: इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट से बाहर हो सकते हैं शार्दुल-कंबोज!
भारत को इंग्लैंड के खिलाफ 'परफेक्ट 11' की तलाश है।


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इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज अब आखिरी पड़ाव पर है। ओल्ड ट्रैफर्ड में शानदार ड्रॉ के बाद भी, भारतीय टीम अभी भी अपनी 'आदर्श एकादश' और खासकर सही गेंदबाजी संयोजन की तलाश में है। तीन दिन बाद ओवल में होने वाले अंतिम टेस्ट से पहले टीम में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
संभावित बदलाव
ओवल में होने वाले निर्णायक मुकाबले से पहले भारतीय टीम में कुछ बड़े बदलाव संभव हैं। अपने प्रभावहीन टेस्ट डेब्यू के बाद, युवा गेंदबाज अंशुल कंबोज को प्लेइंग इलेवन से बाहर किया जा सकता है। उनकी जगह पर चोट से उबर चुके आकाश दीप या प्रसिद्ध कृष्णा में से किसी एक को मौका मिल सकता है।
वहीं, शार्दुल ठाकुर भी बेंच पर बैठ सकते हैं। उन्हें पिछले टेस्ट में चोटिल नीतीश रेड्डी की जगह शामिल किया गया था, लेकिन उनसे सिर्फ 11 ओवर ही गेंदबाजी कराई गई, जिससे बल्लेबाजी क्रम को लंबा रखने की रणनीति पर सवाल उठे।
गेंदबाजी संयोजन पर मंथन
भारतीय टीम लंबे समय से विशेषज्ञ गेंदबाज के बजाय आठवें नंबर तक बल्लेबाजी करने की रणनीति पर चल रही है। ओल्ड ट्रैफर्ड में इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ 600 से ज़्यादा रन बनाए, जो 2014 के बाद पहली बार हुआ है। ऐसे में कुलदीप यादव जैसे विकेट लेने वाले गेंदबाज को टीम में शामिल करने की मांग तेज़ हो गई है, जो पिछले 40 दिनों से बेंच गर्म कर रहे हैं। कुलदीप की तरह अर्शदीप सिंह भी अब हाथ की चोट से पूरी तरह उबर चुके हैं और एक प्रतिस्पर्धी सीरीज में टेस्ट डेब्यू का सपना देख रहे होंगे।
तेज गेंदबाजों की थकान
हालांकि, मुख्य कोच गौतम गंभीर ने रविवार को ड्रॉ के बाद अपने बेबाक अंदाज में सभी तेज गेंदबाजों को फिट घोषित किया था, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे प्रमुख तेज गेंदबाज थकान महसूस कर रहे हैं। सिराज इस सीरीज के सभी मैचों में खेलने वाले एकमात्र भारतीय तेज गेंदबाज हैं। सीरीज दांव पर होने के कारण बुमराह ओवल में भी खेल सकते हैं, जबकि सिराज भी अपने भारी वर्कलोड के बावजूद खेलने को तैयार होंगे।
कोच और विशेषज्ञों की राय
भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्केल ने हाल ही में कहा था, "हम कुलदीप के लिए जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमें अपने शीर्ष छह बल्लेबाजों से लगातार रन चाहिए, ताकि हम कुलदीप जैसे खिलाड़ी को ला सकें। हमें यह पता लगाना होगा कि कुलदीप को कैसे फिट किया जाए और बल्लेबाजी क्रम को कैसे और लंबा व मजबूत बनाया जाए।"
बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने ऑलराउंडर की बजाय अतिरिक्त गेंदबाज खिलाने के सवाल पर कहा था, "आपको पता नहीं होता कि आप टॉस जीतेंगे या हारेंगे, या आपको कैसी शुरुआत मिलेगी। इसलिए टीम चुनते समय आप हमेशा एक संतुलित टीम चुनने की कोशिश करते हैं। हम यह नहीं कह सकते कि पिछले मैच में तीन बल्लेबाजों ने शतक बनाए, तो हम एक बल्लेबाज कम खिला सकते हैं।"
हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले महान खिलाड़ी आर. अश्विन ने भारत के आठवें नंबर तक बल्लेबाजी करने के जुनून पर सवाल उठाया है। उनके अनुसार, कुलदीप जैसे स्ट्राइक गेंदबाज को शामिल करने से टीम को कम रन बनाने पर भी विकेट मिल सकते हैं। अश्विन मानते हैं कि मैनचेस्टर में कुलदीप को खिलाना एक स्पष्ट फैसला होना चाहिए था।
अंतिम टेस्ट की चुनौती
पिछले मैच में ऋषभ पंत की चोट के कारण वॉशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने भारत के शीर्ष छह में बल्लेबाजी करते हुए शानदार शतक लगाए और दो से ज़्यादा सत्र तक बल्लेबाजी कर टीम को यादगार ड्रॉ दिलाया था। अगर ओवल में भी इसी तरह की रणनीति अपनाई जाती है, तो ध्रुव जुरेल सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आएंगे और भारत शार्दुल को बाहर बिठाकर चार विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ खेल सकता है। चौथे गेंदबाज के तौर पर कुलदीप को मौका मिल सकता है, खासकर अगर पिच स्पिनरों के लिए मददगार होती है।
मौजूदा चयन नीति को देखते हुए, भारत निचले क्रम में बल्लेबाजी में गहराई रखने को प्राथमिकता देता रहा है। कुलदीप को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने के लिए इस नीति में बदलाव की ज़रूरत पड़ सकती है।