आज़ादी के आदर्शों को बनाए रखें, चुनौतियों का सामना करें: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।


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क्या हुआ?
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि आज़ादी केवल सत्ता का हस्तांतरण नहीं थी, बल्कि यह लंबे समय से दबे हुए लोगों का जागरण था, जिन्होंने गरिमा, समानता और स्वशासन का सपना देखने की हिम्मत की।
आज़ादी सिर्फ़ एक तोहफ़ा नहीं
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि आज़ादी हमें किसी तोहफे के रूप में नहीं मिली, बल्कि यह पीढ़ियों के बलिदान से हासिल की गई थी। इसके लिए उन निडर क्रांतिकारियों ने संघर्ष किया, जिन्होंने शाही शक्ति को चुनौती दी। प्रगतिशील विचारकों ने अज्ञानता और अंधविश्वास की दीवारों को तोड़ा, और तर्कवादियों ने तर्क और आधुनिकता की मशाल जलाई। उन्होंने ऐसे भारत की कल्पना की जहां न्याय कुछ लोगों का विशेषाधिकार नहीं, बल्कि हर नागरिक का जन्मसिद्ध अधिकार हो।
सच्ची आज़ादी का मतलब
सिद्धारमैया ने आगे कहा कि यह दिन सिर्फ़ हमारी राजनीतिक मुक्ति का उत्सव नहीं है, बल्कि गहरी और सच्ची आज़ादी की ओर हमारी अधूरी यात्रा की याद दिलाता है। सच्ची स्वतंत्रता तभी साकार होती है जब किसी बच्चे को शिक्षा से वंचित न किया जाए, जब कोई परिवार भूखा न सोए, जब किसानों की मेहनत का उचित सम्मान मिले, जब महिलाएं बिना डर के चल सकें, और जब हर भारतीय, चाहे वह किसी भी जाति, पंथ, लिंग या क्षेत्र का हो, सपना देखने और उसे हासिल करने की क्षमता रखता हो।
संविधान के आदर्शों को बनाए रखें
उन्होंने बताया कि आधुनिक भारत के निर्माताओं ने स्वतंत्रता, समानता, भाईचारे और न्याय में निहित संविधान दिया। ये मूल्य केवल कागज पर लिखे शब्द नहीं हैं, बल्कि ये जीवित वादे हैं जिन्हें हमें हर पीढ़ी के साथ बनाए रखना, उनकी रक्षा करना और उन्हें नया करना होगा। तेजी से हो रहे तकनीकी बदलाव के युग में, हमें वैज्ञानिक सोच को भी बढ़ावा देना चाहिए, जिसका सम्मान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने किया था, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रगति मानवता की सेवा करे और हमारी एकता के बंधन को मजबूत करे।
कर्नाटक की गारंटी योजनाएं
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक में उनकी सरकार इन आदर्शों को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने अपनी 'गारंटी योजनाओं' का जिक्र किया, जिनमें खाद्य सुरक्षा, महिलाओं को वित्तीय सहायता, बहनों के लिए मुफ्त बस यात्रा, घरों के लिए बिना रुकावट बिजली और युवाओं के लिए सीधी सहायता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के जरिए सरकार लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में आने वाली हर बाधा को दूर कर रही है। उनका लक्ष्य ऐसा समाज बनाना है जहां हर नागरिक, उसकी जन्म, पृष्ठभूमि या विश्वास से परे, आत्मविश्वास, गरिमा और समान अवसर के साथ आगे बढ़ सके।
आगे का रास्ता और हमारी प्रतिज्ञा
सिद्धारमैया ने जोर देकर कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमें आत्मसंतुष्टि नहीं, बल्कि प्रतिबद्धता और असमानता का सामना करने, विभाजनों को ठीक करने और एक ऐसा भारत बनाने की प्रेरणा देना चाहिए, जहां समृद्धि सभी के साथ साझा की जाए, पर्यावरण का सम्मान किया जाए और हर आवाज़ सुनी जाए। उन्होंने कहा कि हमारे सामने काम बहुत बड़ा है, लेकिन हमारे लोगों की ताकत भी उतनी ही है। इस पवित्र दिन पर, हमें उन आदर्शों को जीवित रखने का संकल्प लेना चाहिए जिनके लिए अनगिनत जानें दी गईं, और आने वाली पीढ़ियों को एक ऐसा राष्ट्र सौंपना चाहिए जो हमें विरासत में मिले राष्ट्र से अधिक न्यायपूर्ण, अधिक दयालु और अधिक जीवंत हो। जय हिंद।