बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन: ऑस्ट्रेलिया में YouTube पर भी लगी रोक
ऑस्ट्रेलिया ने बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन में YouTube को भी शामिल किया।


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क्या हुआ?
ऑस्ट्रेलिया ने बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर लगाए गए प्रतिबंध में अब Google के स्वामित्व वाले YouTube को भी शामिल कर लिया है। पहले YouTube को इस बैन से छूट मिली हुई थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया सरकार ने अपने इस फैसले को बदल दिया है। यह घोषणा बुधवार, 30 जुलाई 2025 को की गई।
बैन का कारण
ऑस्ट्रेलिया की इंटरनेट निगरानी संस्था ने पिछले महीने सरकार से YouTube को दी गई छूट खत्म करने का आग्रह किया था। उनकी रिसर्च में सामने आया था कि 10 से 15 साल की उम्र के 37% बच्चों ने YouTube पर हानिकारक सामग्री देखी थी, जो किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सबसे ज़्यादा थी। इसी रिसर्च के नतीजों के बाद सरकार ने YouTube को भी इस प्रतिबंध में शामिल करने का फैसला किया।
अन्य कंपनियों की शिकायत
Meta (जिसमें Facebook और Instagram शामिल हैं), Snapchat और TikTok जैसी अन्य सोशल मीडिया कंपनियों ने पहले ही तर्क दिया था कि YouTube को बैन से छूट देना ठीक नहीं होगा और यह अनुचित होगा।
प्रधानमंत्री का बयान
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने एक बयान में कहा, "सोशल मीडिया की अपनी सामाजिक जिम्मेदारी होती है और इसमें कोई शक नहीं कि ऑस्ट्रेलियाई बच्चों पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का नकारात्मक असर पड़ रहा है। सोशल मीडिया से हमारे बच्चों को सामाजिक नुकसान हो रहा है, और मैं ऑस्ट्रेलियाई अभिभावकों को बताना चाहता हूं कि हम उनके साथ मजबूती से खड़े हैं।"
नियम तोड़ने पर जुर्माना
यह कानून नवंबर में ऑस्ट्रेलियाई संसद में पारित किया गया था। दिसंबर से, यदि कोई सोशल मीडिया कंपनी इस नियम का उल्लंघन करती है, तो उस पर 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 32.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तक का भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
YouTube की प्रतिक्रिया
YouTube के एक प्रवक्ता ने इस फैसले पर कहा कि कंपनी आगे के कदमों पर विचार करेगी और सरकार के साथ बातचीत जारी रखेगी। प्रवक्ता ने ईमेल के जरिए बताया, "हम ऑनलाइन होने वाले नुकसान को कम करने के सरकार के लक्ष्य का समर्थन करते हैं। हमारा रुख स्पष्ट है: YouTube एक वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म है, जिसमें मुफ्त और उच्च गुणवत्ता वाले कंटेंट का विशाल संग्रह है, जिसे लोग तेजी से टीवी स्क्रीन पर भी देख रहे हैं। यह सोशल मीडिया नहीं है।"
छूट पाने वाले प्लेटफॉर्म
संचार मंत्री आनिका वेल्स ने स्पष्ट किया कि ऑनलाइन गेमिंग, मैसेजिंग ऐप, और स्वास्थ्य व शिक्षा संबंधी वेबसाइट्स को सरकार के इस न्यूनतम आयु नियम से बाहर रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इन प्लेटफॉर्म्स से 16 साल से कम उम्र के किशोरों को सोशल मीडिया जितना नुकसान नहीं होता है, या वे अलग-अलग कानूनों के तहत विनियमित होते हैं। वेल्स ने कहा, "ये नियम सिर्फ 'सेट एंड फॉरगेट' नहीं हैं, बल्कि 'सेट एंड सपोर्ट' हैं," जिसका मतलब है कि इन पर लगातार निगरानी रखी जाएगी और ज़रूरत पड़ने पर बदलाव भी किए जाएंगे।