अनिल अंबानी: कभी कर्ज में डूबे, अब बना रहे हैं नया साम्राज्य
अनिल अंबानी की जबरदस्त वापसी की कहानी X पर बनी चर्चा का विषय


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अनिल अंबानी की वापसी: कर्ज से क्लीन एनर्जी तक की कहानी
एक समय के अरबपति और अब फिर से सुर्खियों में लौटे अनिल अंबानी की कहानी एक बार फिर लोगों की जुबान पर है। X (पूर्व में ट्विटर) पर वे ट्रेंड कर रहे हैं और इसकी कई बड़ी वजहें हैं—उनके कारोबार में उछाल, नए प्रोजेक्ट्स, बेटों की भूमिका, और विवादों का सिलसिला।
शेयर बाजार में धमाका और डिफेंस सेक्टर में एंट्री
अनिल अंबानी की कंपनी Reliance Infrastructure ने पिछले एक साल में 146% तक की तेजी दिखाई। खास बात यह है कि कंपनी अब रक्षा क्षेत्र में भी कदम रख चुकी है। DRDO के साथ मिलकर 155mm की नई तोप के गोले विकसित करने की खबर ने बाजार में हलचल मचा दी थी।
दिवालिया से करोड़ों की कंपनी तक: एक साल में बड़ा बदलाव
कभी दिवालिया घोषित हो चुके अनिल अंबानी की Reliance Power अब कर्ज मुक्त है। पिछले साल में इसके शेयरों में 158% का उछाल आया और कंपनी का मार्केट कैप ₹20,526 करोड़ तक पहुँच चुका है।
बेटे बनें गेमचेंजर
उनके बेटों जय अनमोल अंबानी और जय अंशुल अंबानी ने नेतृत्व की जिम्मेदारी संभाली है। अनमोल ने रिलायंस निप्पॉन में हिस्सेदारी बढ़ाकर उसे नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है। दोनों की रणनीति ने समूह की स्थिति को पलट दिया।
नए क्षेत्रों में निवेश: भूटान में ग्रीन एनर्जी और EV प्लांट की तैयारी
Reliance Group अब भूटान में 1,270 MW की सोलर और हाइड्रो परियोजनाओं पर काम कर रहा है। साथ ही भारत में एक बड़ी EV मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की तैयारी चल रही है, जिससे अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी की टक्कर की बात फिर से चर्चा में है।
विवाद अभी बाकी हैं: SEBI बैन और आलोचना
अगस्त 2024 में SEBI ने अनिल अंबानी को 5 साल के लिए सिक्योरिटी मार्केट से बैन कर दिया था, जिससे Reliance समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। इसपर X पर बहस छिड़ गई—कुछ ने आलोचना की, तो कुछ ने कहा कि अनिल अंबानी ने देश नहीं छोड़ा, बल्कि संघर्ष कर रहे हैं।
जनता की राय: एक तरफ़ हीरो, दूसरी तरफ़ शंका
कुछ यूजर्स उन्हें प्रेरणा मानते हैं, तो कुछ अभी भी उन्हें पुराने घाटों के लिए दोषी मानते हैं। मगर जो साफ़ है—अनिल अंबानी फिर से सुर्खियों में हैं, और उनके नाम की गूंज फिर से सुनाई दे रही है।
क्या अनिल की वापसी केवल शुरुआत है? क्या वह फिर से भारत के कॉर्पोरेट शिखर पर पहुंच पाएंगे? यह तो वक्त बताएगा, लेकिन उनकी कहानी में अब भी दम है।